कैल्शियम की कमी के लक्षण और उपाय

जब कैल्शियम की कमी हो जाती है तो शरीर में दर्द जैसी समस्या होने लगती है, ऐसा महसूस होता है कि मांसपेशियां सिकुड़ गई हैं।

कैल्शियम से भरपूर खाद्य पदार्थ हैं हरी पत्तेदार सब्जियां, सब्जियां, सूखे मेवे, चुकंदर, तिल, पनीर, सोयाबीन आदि।

राजमा काबुलु छोला, पनीर, दूध, अंडे, दही भी कैल्शियम के स्रोत हैं।

कैल्शियम की मात्रा बढ़ जाने पर भी बीमारी हमारा पीछा करती है। इसलिए हमारे द्वारा खाए जाने वाले भोजन में कैल्शियम की सही मात्रा होना जरूरी है।

पुरुषों की तुलना में महिलाओं के लिए कैल्शियम आवश्यक है। इनके शरीर में 1000 से 1200 mL कैल्शियम होना चाहिए।

यह महिला हार्मोन एस्ट्रोजन की गिरावट के कारण है। कैल्शियम युक्त खाद्य पदार्थ जैसे दूध, दही आदि का सेवन न करना हार्मोनल परिवर्तन का कारण है।

कैल्शियम कई शारीरिक कार्यों के लिए आवश्यक है, इसलिए इसकी कमी से मांसपेशियों, हड्डियों और दांतों और मानसिक स्वास्थ्य पर व्यापक प्रभाव पड़ सकता है।

यदि कमी भोजन के कम सेवन के कारण होती है, तो आमतौर पर कोई प्रारंभिक लक्षण नहीं होते हैं। लंबी अवधि में, व्यक्ति को ऑस्टियोपीनिया, या कम अस्थि घनत्व का अनुभव हो सकता है।

शरीर में कैल्शियम की कमी से चलने के दौरान मांसपेशियों में दर्द, ऐंठन, जांघों और बाहों में दर्द हो सकता है