"चाट" एक मशहूर स्ट्रीट फूड है। इसका स्वाद किसी के मुंह में पानी ला सकता है। आइए जानें इसके पीछे की कहानी।
चाट के अलग-अलग प्रकार प्रकार होते हैं और सबका स्वाद एक-दूसरे से अलग होता है। "चाट" शब्द का मतलब चाटना (lick) होता है।
कहा जाता है की 16वीं शताब्दी में कॉलेरा की बीमारी फैली थी। उस वक्त भारत में शाह जहाँ का शासन था। लोग शरीर के बैक्टीरीया को खत्म करने के लिए मसालेदार चाट को खाते थे।
उस वक्त के रॉयल फिज़िशियन हकिम अली ने इमली, धनिया और अन्य मसालों से बनी चाट की सलाह दी थी। मध्यकालीन भारत में चाट एक दवाई की तरह इस्तेमाल किया जाता था।
वड़ा चाट और पपड़ी चाट आजकल फेमस है, लेकिन क्या आपको पता है महाभारत और 500 साल पुराने सूत्र वेद में भी दही वड़ा का जिक्र है।
गोलगप्पा और पापड़ी चाट का अटूट हिस्सा है। पापड़ी का जिक्र 12वीं शताब्दी के Manasollasa में देखा गया है। वहीं गोलगपा का जिक्र महाभारत में है।
बुद्ध ग्रंथों में भी मसालों के कॉम्बीनेशन का जिक्र देखा गया है। चाट की कहानी बहुत लंबी है, लेकिन इसका स्वाद अब भी चटपटा है।