बेहद रोचक हैं भारत के प्रमुख ऐतिहासिक स्थलों से जुड़ीं कहानियां

 कोणार्क मंदिर  

गंग वंश के महान राजा नरसिम्हादेव 1 ने ओडिशा के पुरी शहर से 35 किलोमीटर दूर स्थित कोणार्क मंदिर का निर्माण करवाया था। जो अपनी प्राचीन वास्तुकला के लिए दुनिया भर में मशहूर है। इस मंदिर की खास बात यह है कि यह सूर्य देव को समर्पित है।

खजुराहो मंदिर- वर्ल्ड हेरिटेज साइट

खजुराहो का मंदिर जिसे यूनेस्को के वर्ल्ड हेरिटेज साइट में जगह मिली हुई है ऐसा माना जाता है कि खजुराहो के मंदिरों में कामुकता को बेहतरीन तरीके से दर्शाया गया है। हालांकि सिर्फ 10 प्रतिशत मूर्तियां ही कामुक हैं, बाकी कलाकृतियों में सामान्य चित्रण है।

फतेहपुर सीकरी- गौरवगाथा का करें अनुभव

आगरा से 40 किलोमीटर दूर स्थित है फतेहपुर सीकरी  I एक  समय था जब यहां एक से एक महल, आम लोगों के लिए अलग इमारतें, मस्जिद, राजा के लिए अलग महल, सेना और नौकरशाहों के लिए अलग इमारतें थीं। इस शहर की पहचान है यहां का बुलंद दरवाजा।

कुतुब मीनार

कुतुब मीनार का निर्माण सैंडस्टोन यानी बलुआ पत्थर से किया गया था। इस मीनार में कुरान से ली गई कई आयतें भी उकेरी गई हैं जो मुख्य रूप से अरबी भाषा में है। भारत के पहले मुस्लिम शासक कुतुबुद्दीन ऐबक के नाम पर इस मीनार का नाम कुतुब मीनार पड़ा।

विक्टोरिया मेमोरियल, कोलकाता

भारत में ब्रिटिश शासनकाल के दौरान कोलकाता स्थित विक्टोरिया मेमोरियल का निर्माण करवाया गया था। उस वक्त के वायसरॉय लॉर्ड कर्जन ने इस स्मारक का आइडिया दिया था लेकिन इसका वास्तविक डिजाइन सर विलियम इमरसन ने किया।

सांची का स्तूप

मध्य प्रदेश में स्थित सांची स्तूप में भगवान बुद्ध के अवशेष रखे हुए हैं और यह जगह बौद्ध धर्म का पालन करने वालों के लिए सबसे अहम धार्मिक स्थलों में से एक है। साथ ही माना जाता है कि यह स्तूप बुद्ध के जीवन और मृत्यु से आजादी के नियम का भी प्रतीक है।

लाल किला

जब मुगल शासक शाहजहां ने अपनी राजधानी आगरा से दिल्ली शिफ्ट की तब उन्होंने लाल किले का निर्माण करवाया जिसे बनने में करीब 10 साल का वक्त लगा। हर साल 15 अगस्त को स्वतंत्रता दिवस के मौके पर प्रधानमंत्री लाल किले की प्राचीर से ही देश को संबोधित करते हैं।

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