भारतीय संविधान में प्रत्येक व्यक्ति चाहे वो महिला हो या पुरुष सभी को समान अधिकार प्राप्त हैं I
घरेलू हिंसा, लिंग भेद और महिला उत्पीड़न जैसे मामलों में महिलाओं को विशेष अधिकार दिये गये हैं I
महिलाओं की सुरक्षा और समानता से जुड़े ये अधिकार प्रत्येक महिला को पता होना जरुरी हैं I
इक्वल रिम्यूनरेशन एक्ट के तहत प्रत्येक महिला को पुरुष की बराबरी में सैलरी लेने का पूरा अधिकार है उनमे जेंडर के आधार पर कोई भेदभाव नहीं किया जा सकता I
समान मेहनताना का अधिकार
अगर किसी महिला के साथ उसके कार्यस्थल पर शारीरिक या मानसिक उत्पीड़न किया जाता है तो भारतीय संविधान की धारा 498 के अंतर्गत महिला को शिकायत दर्ज करने का पूरा अधिकार हैं I
घरेलू हिंसा के खिलाफ अधिकार
किसी मामले में अगर महिला आरोपी है तो उन्हें ये अधिकार प्राप्त हैं की उनके साथ कोई भी कानूनी प्रक्रिया या मेडिकल परीक्षण किसी अन्य महिला अधिकारी की मौजूदगी में ही किया जायेगा I
गरिमा और शालीनता का अधिकार
गरिमा और शालीनता का अधिकार
अगर कोई महिला यौन उत्पीड़न का शिकार हुई है तो वह अकेले डिस्ट्रिक्ट मजिस्ट्रेट या किसी महिला पुलिस अधिकारी की मौजूदगी में बयान दे सकती है I
पहचान जाहिर नहीं करने का अधिकार
यदि महिला के साथ कुछ अपराध घटित होता है तो वह उस वक़्त अपनी शिकायत किसी भी पुलिस थाने में कहीं से भी दर्ज कर सकती है, बाद में उसे संबंधित पुलिस थाने में भेज दिया जाता हैं I
जीरो एफआईआर का अधिकार
संविधान द्वारा अनुच्छेद 42 के अंतर्गत महिलाओं को जो किसी सरकारी संस्थान या निजी संस्थान में कार्यरत हैं मैटरनिटी लीव लेने का अधिकार है यह मैटरनिटी लीव 12 हफ्तों की होती है I जिसे महिला अपने हिसाब से ले सकती हैं I
मातृत्व अवकाश का अधिकार