हिन्दू धर्म में सुहागिनों और कुंवारी कन्याओं के सबसे बड़े पर्व में से एक हैं हरतालिका तीज

हिन्दू पंचांग के अनुसार हरतालिका तीज भाद्रपद माह के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को मनाई जाती है

इस दिन महिलाऐं अपने पति की लम्बी उम्र के लिए और कन्याएँ अच्छे वर की प्राप्ति के लिए निर्जल उपवास रखती हैं 

पौराणिक कथा के अनुसार माता पार्वती ने भगवान शिव को पति रूप में पाने के लिए कठोर तपस्या की थी 

जिससे प्रसनं होकर भगवान शिव ने माता पार्वती को उनकी इच्छानुसार पत्नी रूप में स्वीकार किया 

तभी से अच्छे पति की कामना और पति की दीर्घायु के लिए कुंवारी कन्या और सौभाग्यवती स्त्रियां हरतालिका तीज का व्रत रखती हैं 

इस दिन महिलाए स्नान के पश्चात स्वच्छ वस्त्र धारण  कर  हाथ में जल लेकर व्रत का संकल्प लेती हैं 

शिव परिवार की मिट्टी की प्रतिमाएं बनाकर वस्त्र आदि पहनाकर तैयार करती हैं पूरा दिन निर्जल उपवास के बाद रात को भजन-कीर्तन कर पूजा करती हैं 

जो भी महिलाएं इस दिन सच्चे मन से व्रत रखती हैं  उन्हें सुख-सौभाग्य की प्राप्ति हैं  

भारतीय संविधान में प्रत्येक व्यक्ति चाहे वो महिला हो या पुरुष सभी को समान अधिकार प्राप्त हैं I