Chanakya Niti: जिंदगी भर उधारी और कर्ज में लदे रहते हैं ये लोग
जो लोग अपनी इंकम से अधिक खर्च करते हैं, वे हमेशा उधारी और कर्ज में लदे रहते हैं। चाणक्य के अनुसार, वित्तीय अनुशासन का पालन न करना कर्ज का मुख्य कारण बनता है।
बिना किसी वित्तीय योजना या बजट के खर्च करना व्यक्ति को कर्ज के जाल में फंसा सकता है। चाणक्य का मानना था कि सही योजना के बिना किया गया खर्च हमेशा नुकसानदायक होता है।
आलस्य और काम में लापरवाही करने वाले लोग अक्सर अपने काम में सफल नहीं हो पाते, जिससे उनकी इंकम कम रहती है और उन्हें उधार लेने की आवश्यकता पड़ती है।
जो लोग विलासिता और भौतिक सुखों की लालसा में फंसे रहते हैं, वे अक्सर अपनी आर्थिक स्थिति से बाहर जाकर खर्च करते हैं, जिससे उन्हें कर्ज लेना पड़ता है।
जो लोग बिना सोचे-समझे निवेश करते हैं और गलत जगह अपना पैसा लगाते हैं, वे अक्सर कर्ज में फंस जाते हैं।
चाणक्य का मानना था कि जो लोग अपने धन की उचित देखभाल नहीं करते और उसे बर्बाद करते हैं, वे जल्द ही कर्ज में फंस सकते हैं।
ऐसे लोग जो दूसरों को देखकर उनके जैसा बनने की कोशिश में फिजूल खर्च करते हैं, वे अक्सर कर्ज में डूब जाते हैं।
जो लोग उधार लेने के बाद समय पर उसे नहीं चुकाते, उन पर ब्याज का बोझ बढ़ता जाता है, जिससे वे और अधिक कर्ज में फंसते जाते हैं।