हरियाणा राज्य का गठन 1 नवंबर 1966 को हुआ था। यह भारत के पंजाब राज्य के पुनर्गठन के बाद एक अलग राज्य बना।
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हरियाणा के गठन का मुख्य कारण पंजाब क्षेत्र के अलग-अलग सांस्कृतिक और भाषाई विभाजन थे। केंद्र सरकार ने इस विभाजन के लिए शाह आयोग की स्थापना की, जिसने हरियाणा को हिंदी भाषी क्षेत्र के रूप में चिन्हित किया।
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हरियाणा के लोग लंबे समय से अपनी अलग पहचान और स्वायत्तता की मांग कर रहे थे, जो 1966 में एक अलग राज्य के रूप में स्वीकृत हुई।
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शाह आयोग ने 1966 में सुझाव दिया कि पंजाब के दक्षिणी हिस्से को हरियाणा के रूप में अलग किया जाए, ताकि भाषाई और सांस्कृतिक अंतर को मान्यता मिल सके।
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हरियाणा के गठन का एक प्रमुख आधार भाषा था। हरियाणा हिंदी भाषी बहुल एरिया था, जबकि पंजाब में पंजाबी भाषा प्रमुख थी।
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हरियाणा और पंजाब दोनों की एक राजधानी चंडीगढ़ बनी, जो केंद्र शासित प्रदेश के रूप में दोनों राज्यों की सेवा करती है।
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हरियाणा का फॉर्मैशन इसकी कल्चरल सिटी, जैसे लोकगीत, पारंपरिक नृत्य और त्योहारों को पहचान देने के उद्देश्य से किया गया था।
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1966 के बाद से हरियाणा ने कृषि, उद्योग और खेल के क्षेत्र में तेजी से विकास किया है, और आज यह भारत के सबसे प्रग्रेसिव राज्यों में से एक है।