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1970 से 2004 के बीच, 6 फिल्में पहले फ्लॉप रहीं, लेकिन बाद में कल्ट क्लासिक बन गईं; तीसरी फिल्म ने सबसे ज्यादा रेटिंग हासिल की।

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1970 से 2004 तक कई बॉलीवुड फिल्में बॉक्स ऑफिस पर असफल रहीं, लेकिन समय के साथ वे दर्शकों के दिलों में जगह बनाकर कल्ट क्लासिक बन गईं।

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1994 में रिलीज़ 'अंदाज अपना अपना' को रिलीज़ के समय दर्शकों ने नकार दिया, लेकिन आज यह सबसे ज्यादा पसंद की जाने वाली कॉमेडी फिल्मों में शामिल है। इसकी आईएमडीबी रेटिंग 8 है।

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शाहरुख खान की फिल्म 'स्वदेस' बॉक्स ऑफिस पर फ्लॉप रही, लेकिन इसकी कहानी, ऐक्टिंग और गाने ने इसे 8.2 रेटिंग के साथ इंडियन सिनेमा की बेहतरीन फिल्मों में शामिल कर दिया।

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1983 में बनी 'जाने भी दो यारो' को उस समय दर्शकों ने नहीं सराहा, लेकिन बाद में इसकी बेहतरीन पटकथा और सामाजिक संदेश के कारण यह कल्ट क्लासिक बन गई। इसकी आईएमडीबी रेटिंग 8.3 है।

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1990 में रिलीज़ 'अग्निपथ' को अमिताभ बच्चन की बदली हुई आवाज के कारण नकार दिया गया, लेकिन अब इसे बॉलीवुड की आइकॉनिक फिल्मों में गिना जाता है। इसकी रेटिंग 7.6 है।

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1970 में आई 'मेरा नाम जोकर' अपनी लंबी टाइम के कारण असफल रही, लेकिन समय के साथ इसे क्लासिक फिल्मों में शामिल कर लिया गया। इसकी रेटिंग 7.9 है।

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1991 में रिलीज़ 'लम्हे' ने पारंपरिक प्रेम कहानियों से हटकर एक अलग ही पेश किया। यह शुरुआत में फ्लॉप रही लेकिन बाद में इसे कल्ट क्लासिक का दर्जा मिला। इसकी रेटिंग 7.6 है।

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इन फिल्मों को शुरुआत में बॉक्स ऑफिस पर सफलता नहीं मिली, लेकिन उनकी अनोखी कहानी और शानदार प्रेज़न्टैशन ने उन्हें इंडियन सिनेमा की क्लासिक्स में जगह दिला दी।

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