पार्टनर का पजेसिव होना या जताना सही है या गलत? क्या आप इसे प्यार की निशानी मानते हैं? ऐसी आदत रिश्ते पर नकारात्मक असर क्यों डाल सकती है?
mpbreakingnews
हर व्यक्ति के लिए प्यार की परिभाषा अलग होती है। कुछ लोग आजादी पसंद करते हैं, जबकि कुछ अपने अधिकार जताते हैं। लेकिन जब पजेसिवनेस हद से ज्यादा बढ़ जाती है, तो यह रिश्ते में घुटन पैदा कर सकती है।
mpbreakingnews
बार-बार कॉल करना, हर ऐक्टिविटी की जानकारी रखना, दोस्तों से जलन महसूस करना, और हर चीज़ पर कंट्रोल रखने की कोशिश करना—ये सब पजेसिवनेस के लक्षण हैं, जो रिश्ते के लिए सही नहीं हैं।
mpbreakingnews
प्यार में एक-दूसरे का ख्याल रखना स्वाभाविक है, लेकिन जब यह हद से ज्यादा बढ़ जाए, तो यह जुनून बन सकता है। ऑब्सेसिव लव डिसऑर्डर से ग्रसित लोग जरूरत से ज्यादा पजेसिव हो सकते हैं, जिससे रिश्ते पर नकारात्मक असर पड़ सकता है।
mpbreakingnews
कई लोग अपने पार्टनर के प्रति इनसिक्योर होते हैं और दूसरों से बात करने पर जलन महसूस करते हैं। यह असुरक्षा रिश्ते में दरार डाल सकती है और दोनों के बीच मनमुटाव बढ़ा सकती है।
mpbreakingnews
जो लोग जरूरत से ज्यादा पजेसिव होते हैं, वे अपने पार्टनर को पूरी तरह से कंट्रोल करना चाहते हैं। फोन चेक करना, सोशल मीडिया पासवर्ड मांगना और हर काम पर नजर रखना—ये सभी आदतें रिश्ते को कमजोर बना सकती हैं।
mpbreakingnews
ओवर पजेसिव लोग अक्सर शक भी ज्यादा करते हैं, जिससे रिश्ते में विश्वास की कमी हो जाती है। यह आदत लंबे समय तक रिश्ते को टिकने नहीं देती और अंततः अलगाव का कारण बन सकती है।
mpbreakingnews
अगर पार्टनर ज्यादा पजेसिव हो, तो खुलकर बातचीत करें। उन्हें समझाएं कि प्यार का मतलब कंट्रोल नहीं होता, बल्कि भरोसा और स्वतंत्रता देना भी जरूरी है।
mpbreakingnews
अगर बातचीत से समस्या का समाधान न हो, तो अपनी सीमाएं तय करें। यदि फिर भी स्थिति न सुधरे, तो रिलेशनशिप काउंसलर की मदद लेना बेहतर रहेगा।
अगर आपका पार्टनर दूर रहता है और धोखे का डर सताता है, तो लॉन्ग डिस्टेंस रिलेशनशिप से घबराने की जरूरत नहीं है। दूरियों को नजदीकियों में बदलने के ये कारगर तरीके अपनाएं!