भोपाल। मध्य प्रदेश में लोकसभा चुनाव के दो चरण पूरे हो चुके हैं। अभी दो मतदान के दो दौर और होना हैं। छठे चरण में विदिशा सीट पर मतदान होगा। इस सीट से पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी नेता चुनाव लड़े हैं। यह बीजेपी का अभेद गढ़ मानी जाती है। लेकिन विदेश मंत्री और वर्तमान सांसद सुषमा स्वराज के इस सीट पर चुनाव नहीं लड़ने के ऐलान के बाद से समीकरण बदले नज़र आ रहे हैं। पार्टी ने इस सीट पर रमाकांत भार्गव को टिकट दिया है। वह पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज के खास बताए जाते है। ब्राह्मण वोट बैंक को लुभाने के लिए बीजेपी ने इस बार ब्राह्मण कार्ड चला है। लेकिन अभी तक इस सीट पर चुनाव प्रचार के लिए कोई बड़ा चेहरा रोड शो या फिर रैली करने नहीं आया है। जिससे बीजेपी प्रत्याशी रमाकांत भार्गव अकेले पड़ गए हैं। हालाँकि यहां भाजपा के लिए हर बार जीत आसान होती आई है, इसलिए पार्टी को भरोसा है इस बार भी जीत मिलेगी|
मतदान में महज तीन दिन बचे हैं ऐसे में अभी तक किसी बड़े नेता ने इस हाईप्रोफाइल सीट पर शक्ति प्रदर्शन नहीं किया है। यहां से दो बार सांसद और विदेश मंत्री रही सुषमा स्वराज भी दूरी बनाए हैं। उनसे पहले पूर्व सीएम शिवराज सिंह चौहान पांच बार और पूर्व प्रधानमंत्री स्व. अटल बिहारी वाजपेयी इस सीट से संसद पहुंचे हैं। बीजेपी के रमाकांत भार्गव और कांग्रेस के शेलेंद्र पटेल दोनोंं ही सीहोर जिले के रहने वाले हैं। विदिशा लोकसभा में आठ विधानसभा सीट शामिल हैं। भोजपुर, सांची, सिलवानी, विदिशा, बसोदा, बुधनी, इछावर, खातेगांव आती हैं।
यहां स्थानीय मुद्दों को मोदी फैक्टर ने संभाल लिया है और बीजेपी को लगता है कि वह उसके पक्ष में काम करेगी और पार्टी को विदिशा सीट पर जीत बनाए रखने में मदद करेगी। दूसरी ओर कांग्रेस पिछले साल अपनी विधानसभा चुनाव जीत से बौखला गई है और विकास पर जोर दे रही है। कांग्रेस अपने कर्ज माफी को भुनाना चाहती है। कांग्रेस प्रत्याशी पटेल सवाल करते हैं कि सुषमा स्वराज और चौहान जैसे नेताओं के निर्वाचन क्षेत्र में पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए कोई औद्योगीकरण, सिंचाई परियोजनाएं, हेल्थ सुविधाएं के लिए प्रयास क्यों नहीं हैं। विदिशा को छिंदवाड़ा की तरह क्यों नहीं विकसित किया गया। “मैं एक किसान हूं और किसानों के लिए काम करूंगा”, पटेल ने कहा।