माया ‘जाल’ में फंसी कमलनाथ सरकार!

Avatar
Published on -
-crisis-on-the-Kamal-Nath-government-after-the-threat-of-Mayawati

भोपाल। प्रदेश में कमलनाथ सरकार बसपा, सपा एवं निर्दलीय विधायकों के समर्थन से चल रही है। बसपा के दो विधायक हैं, फिर भी बसपा सुप्रीमो मप्र कांग्रेस पर समर्थन वापस लेने का दबाव बनाती रही हैं। हाल ही में गुना संसदीय क्षेत्र से बसपा प्रत्याशी के कांग्रेस में शामिल होने एवं ज्योतिरादित्य सिंधिया को समर्थन देने पर कांग्रेस से सरकार में समर्थन वापस लेने पर विचार करने का ऐलान किया है। इसके तत्काल बाद मुख्यमंत्री कमलनाथ को मामले को संभालते हुए कहना पड़ा कि कांग्रेस और बसपा का एक ही लक्ष्य भाजपा को हराना है। इससे पहले भी बसपा सुप्रीमो समर्थन वापसी की धमकी देकर अपनी मांग मंगवा चुकी है। ऐसे में सवाल उठता है कि कमलनाथ सरकार की चाबी मायावती के पास हैं। 

बहुजन समाज पार्टी ने गुना संसदीय क्षेत्र से कांग्रेस के ज्यातिरादित्य सिंधिया के खिलाफ लोकेन्द्र सिंह राजपूत को प्रत्याशी बनाया था। बसपा प्रत्याशी ने सिंधिया पर आरोप लगाते हुए चुनाव प्रचार भी शुरू कर दिया था, लेकिन अचानक हुए राजनीतिक घटनाक्रम के बाद बसपा प्रत्याशी ने कांग्रेस के कार्यक्रम के शामिल होने सिंधिया को समर्थन देने का ऐलान कर दिया। इससे पहले उन्होंने कांग्रेस की सदस्यता भी ली। बसपा प्रत्याशी को कांग्रेस में शामिल कराए जाने के फैसले से बसपा सुप्रीमो भड़क गई और उन्होंने ट्वीट कर मप्र कांग्रेस पर सत्ता का दुरुपयोग करने का आरोप लगाया। साथ ही लिखा कि बसपा प्रत्याशी को प्रशासन का डर दिखाकर कांग्रेस में शामिल कराया है। अब सरकार में समर्थन पर विचार करना पड़ेगा। माया की नाराजगी सामने आने के बाद प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ ने यह कहकर मामला संभाला कि बसपा और कांग्रेस का एक ही लक्ष्य भाजपा को हराना है। कांग्रेस सूत्रों ने बताया कि इस मसले पर कमलनाथ ने मायावती से दूरभाष पर चर्चा भी की थी। 


About Author
Avatar

Mp Breaking News