सूखे की मार झेल रहे बुंदेलखंड की बुझेगी ‘प्यास’, सरकार ने बनाया यह प्लान

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भोपाल। सूखे के संकट से जूझ रहे बुंदेलखंड के जिलों में राजा-रजवाड़ों के जमाने के ताल, तलैया, कुआं एवं बावडिय़ों को पुनर्जीवित किया जाएगा। इसके लिए पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग ने अगले तीन साल तक की विस्तृत कार्ययोजना बनाई है। इसे वल्र्ड बैंक के वित्तीय सहयोग से चलाया जाएगा। इसमें बुंदेला और चंदेलकालीन तालाबों को पुनर्जीवित किया जाएगा।

पंचायत एवं ग्रामीण विकास मंत्री कमलेश्वर पटेल ने बताया कि बुंदेलखंड अंचल के शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में पेयजल की गंभीर समस्या के स्थायी समाधान के लिए तालाबों को पुनर्जीवित करने की कोशिश की जा रही है। जनहित के इस काम में रुचि रखने वाले स्वयंसेवी संगठनों की भागीदारी भी रखी जाएगी। कार्ययोजना में तालाबों का सर्वे, समाज की सहभागिता और विस्तृत परियोजना प्रतिवेदन तैयार जाएगा। सभी काम ऑनलाइन हांगे। इस प्रोजेक्ट की निगरानी अपर मुख्य सचिव गौरी सिंह स्वयं करेंगी। विभाग के सचिव उमाकांत उमराव ने बताया है कि इस प्रोजेक्ट के तहत सागर, टीकमगढ़, छतरपुर, पन्ना, दमोह और निवाड़ी जिले को शामिल किया गया है। यहां बड़ी तादाद में तालाब हैं, लेकिन रखरखाव और ध्यान नहीं देने की वजह से जीर्णशीर्ण हो चुके हैं। इन्हें वैज्ञानिक दृष्टिकोण से पुनर्जीवित किया जाएगा।


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