भोपाल। प्रदेश में एक बार फिर बिजली संकट के हालात बन रहे हैं। साथ ही जल संकट भी गहराता जा रहा है। ग्रामीण एवं शहरी क्षेत्रों में पानी के लिए हाहाकार मचा हुआ है। राजधानी भोपाल समेत अन्य शहरों में जल आपूर्ति बाधित हो रही है। बिजली कटौती एवं जल संकट को लेकर भाजपा ने सरकार पर असक्षम होने के आरोप लगाए हैं। जल्द ही भाजपा बिजली, पानी एवं किसानों के मुद्दों पर सरकार के खिलाफ प्रदेश भर में बड़ा आंदोलन करने की तैयारी मेंं है।
प्रदेश में भाजपा सरकार के रहते भी जल संकट के हालात बने थे, लेकिन इसको लेकर विपक्ष ने आंदोलन नहीं किए। सोमवार को राजधानी के कोलार क्षेत्र में जल समस्या के विरोध में लोगों का सड़क जाम करना, सरकार के खिलाफ आंदेालन की शुरूआत है। सड़क पर आंदोलन करने वालों को स्थानीय विधायक रामेश्वर शर्मा का भी समर्थन रहा। शर्मा के अनुसार उन्होंने क्षेत्र की समस्या को लेकर मुख्यमंत्री कमलनाथ को पत्र लिखा है, लेकिन उन्होंने कोई जवाब भी नहीं दिया है। भाजपा संगठन सूत्र बताते हैं कि सरकार प्रदेश में सरप्लस बिजली होने का दावा कर रही है, लेकिन कटौती लगातार बढ़ती जा रही है। बिजली आपूर्ति करना सरकार के हाथ में है। अब दोनों समस्याओं को लेकर भाजपा एक बार फिर सड़क पर उतरने की तैयारी में है। इसको लेकर अगले कुछ दिनों के भीतर प्रदेश स्तर पर बैठक होना है। जिसमें आंदोलन की रणनीति बनेगी।
निकायों में भाजपा का कब्जा
भाजपा जल संकट की अपेक्षा बिजली समस्या पर सरकार की घेराबंदी करेगी। क्योंकि राज्य की ज्यादा निकायों में भाजपा का कब्जा है। ऐसे में भाजपा बिजली संकट के जरिए सरकार की घेराबंदी करेगी। सरकार पर आरोप लगाना शुरू हो गए हैं कि बिजली नहीं मिलने की वजह से जल संकट गहरा गया है। सरकार इसमें पूरी तरह से नाकाम रही है।
भार्गव ने लिखा सीएम को पत्र
प्रदेश में बिजली एवं पानी के संकट को देखते हुए नेता प्रतिपक्ष गोपाल भार्गव ने मुख्यमंत्री कमलनाथ को पत्र लिखा है। उन्होंने लिखा कि सरप्लस बिजली है तो फिर जनता केा बिजली क्यों नहीं दी जा रही है। क्या बिजली बेची जा रही है। इस मसले को विधानसभा में उठाया जाएगा। बतौर भार्गव अभी तक मुख्यमंत्री ने कोई जवाब नहीं दिया है।
सरकार तबादले में मस्त है। जनता की समस्याओं से किसी को कोई लेना-देना नहीं है। प्रशासन में स्थायित्व नहीं है। कलेक्टर-एसपी जिलों में सूटकेस तैयार करके बैठे है। क्योंकि उन्हें पता है कि कब तबादला आदेश निकल आए। यदि कोई अधिकारी कुछ जिले में रहेगा, तब वह एक कार्ययोजना बनाकर काम करेगा।
गोपाल भार्गव, नेता प्रतिपक्ष, मप्र विधानसभा