नर्मदा से बाहर नहीं निकली मशीनें, रसूखदारों ने जमाया कब्जा

Government-forgot-after-making-policy-of-sand-mining-

भोपाल। प्रदेश सरकार ने पिछले हफ्ते नई रेत नीति को मंजूरी दी थी, जिसमें नर्मदा नदी से पूरी तरह मशीनों से रेत खनन रोकने का दावा किया था। सरकार नीति बनाकर भूल गई है, लेकिन नर्मदा में मशीनों से रेत का खनन रुकने की अपेक्षा बढ़ गया है। रेत माफिया बारिश से पहले नर्मदा से बड़े पैमाने पर खनन कर रहा है। खास बात यह है कि रेत का डंप किया जा रहा है। सरकार अभी तक नर्मदा नदी में रेत खनन रोकने में नाकाम रही है। 

नई रेत नीति में नर्मदा समेत अन्य छोटी रेत खदानों में मशीनों से उत्खनन पर रोक लगा दी है। इसके बावजूद भी सरकार के सामने नर्मदा में मशीनों से खनन रोकने की सबसे बड़ी चुनौती होगी। क्योंकि मौजूदा समय में अवैध रूप से नर्मदा में बड़े पैमाने पर मशीनों से अवैध उत्खनन हो रहा है, जिसे रोक पाने में सरकार पूरी तरह से फेल है। खास बात यह है कि नर्मदा में अवैध उत्खनन में किनारे वाले शहरों के रसूखदार लोग है। जो राजनीति में अच्छा-खासा दखल रखते हैं। भाजपा सरकार में जो लोग रेत के कारोबार से जुड़े थे, वे अब कांग्रेसियों से हाथ मिलाकर रेत के धंधे में मुनाफा कमा रहे हैं। उल्लेखनीय है कि रेत नीति में बदलाव करते हुए सरकार ने खदान संचालक का अधिकार पंचायतों से छीन लिया है। अब खनिज विकास निगम रेत खदानों की नीलामी करेगा। खास बात यह है कि ठेका एक व्यक्ति को न देकर समूह को दिए जाएंगे। 


About Author
Avatar

Mp Breaking News