भोपाल। लोकसभा चुनाव में मिली हार के बाद नेतृत्व परिवर्तन को लेकर प्रदेश कांग्रेस को नए अध्यक्ष की तलाश है। ऐसे में पूर्व सांसद ज्योतिरादित्या सिंधिया को कमान दिए जाने की अटकलों भी तेज हैं। लेकिन शनिवार को संपन्न हुए कांग्रेस बैठक में सिंधिया समर्थकोंं को बड़ा झटका लगा सकता है। पार्टी सूत्रों के मुताबिक इस बात पर चर्चा की गई है कि हारे हुए उम्मीदवार को प्रदेश की कमान नहीं सौंपी जाएगी।
कांग्रेस राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी अभी भी अपने पद से इस्तीफा देने के लिए अड़े है। उन्होंने मध्य प्रदेश की कमान किसी नए चेहरों को सौंपने जाने की इच्छा जाहिर की है। अगर ऐसा होता है तो फिर ज्योतिरादित्य सिंधिया, दिग्विजय सिंह, अजय सिंह, अरुण यादव, रामनिवास रावत और कांतिलाल भूरिया दौड़ से बाहर हो सकते हैं। सिंह, यादव और रावत पिछले छह महीनों में विधानसभा और लोकसभा चुनाव हार गए।
कांग्रेस का एक बड़ा धड़ा सिंधिया को कमान सौंपे जाने की मांग कर रहा है। सिंधिया गुना लोकसभा चुनाव पहली बार हारे हैं। जबकि, मुख्यमंत्री कमलनाथ के पुत्र नकुलनाथ इस चुनाव में पहली बार जीते हैं। इन हालातों को देखते हुए ऐसा माना जा रहा है कि सिंधिया का प्रदेश अध्यक्ष बनना मुश्किल है। सूत्रों के मुताबिक मंत्री मंडल में किसी को यह जिम्मेदारी सौंपी जा सकती है। इनमें गृह मंत्री बाला बच्चन का नाम सबसे आगे चल रहा है वह कमलनाथ के काफी करीबी भी माने जाते हैं। प्रदेश अध्यक्ष कि नियुक्ति के बाद बड़े पैमाने पर कांग्रेस संगठन में बदलाव होना है। जहां बीजेपी प्रत्याशी बड़े अंतर से जीते हैं वहां के जिलाध्यक्षों पर गाज गिरना तय है।
राज्य कांग्रेस को हार के कारणों के बारे में राष्ट्रीय स्तर पर एक रिपोर्ट प्रस्तुत करने के लिए कहा गया है। रिपोर्ट में राज्य के कई नेताओं की आकांक्षाओं को चकनाचूर किया जा सकता है। कांग्रेस के सूत्रों ने कहा कि राहुल गांधी और महासचिव प्रियंका गांधी राज्य के कांग्रेस नेताओं से नाराज हैं और बदलाव सुनिश्चित है। राजस्थान में अशोक गहलोत और सचिन पायलट पर भी फैसला लिया जाना है। कांग्रेस के सूत्रों ने कहा कि राज्य कांग्रेस में बदलाव के संबंध में निर्णय जून में किए जाएंगे।