भोपाल। मुख्यमंत्री के लाख निर्देश के बावजूद अब तक अघोषित बिजली कटौती का समाधान नही हो पाया है। मेंटनेंस के नाम पर बार बार बिजली काटी जा रही, जिससे लोगों में भारी आक्रोश व्याप्त होने लगा है। वही विपक्ष भी इसे मुद्दा बनाकर सरकार का घेराव किए हुए है। ऐसे में सरकार की जमकर किरकिरी हो रही है। इसी के चलते मंगलवार को मुख्यमंत्री कमलनाथ ने भी अधिकारियों पर जमकर नाराजगी जाहिर की है और कहा कि बिजली कटौती को लेकर खुफिया से लेकर सभी रिपोर्ट मेरे पास है। इसे खारिज मत करो। आपकी वजह से सबसे ज्यादा आलोचना का शिकार होना पड़ा है। वही संगठन की मांग पर मुख्यमंत्री कमलनाथ ने कहा है कि क्या गारंटी है कि संविदा कर्मचारियों को नियमित कर दिया जाएगा तो प्रदेश में बिजली की व्यवस्था सुधर जाएगी।
दरअसल, मंगलवार को मुख्यमंत्री कमलनाथ ने मंत्रालय में मध्यप्रदेश यूनाइटेड फोरम फॉर पॉवर इंप्लाईज एसोसिएशन के प्रतिनिधिमंडल के साथ बैठक की, जिसमें यूनाइटेड फोरम ने अपनी समस्याएं बताई, इस दौरान सीएम ने अपनी नाराजगी जाहिर की। सीएम ने कहा कि बिजली सरप्लस है और कटौती भी हो रही है, यह बात समझ में नहीं आती है। कटौती को लेकर तमाम रिपोर्ट हमारे पास हैं, इसे खारिज मत करो। इस पर बिजली इंजीनियर और कर्मचारियों ने कहा कि सर, हम इंकार नहीं कर रहे हैं। स्टाफ की कमी है। कई समस्याएं हैं। उन्होंने कहा कि बिजली कंपनियों में नियमित कर्मचारी- अधिकारी 15 साल में 60 हजार से घटकर 34 हजार रह गए हैं। इस दाैरान इन्फ्रास्ट्रक्चर और उपभाेक्तओ की संख्या में बहुत फर्क आया है। इतने कर्मचारियों से बिजली सप्लाई व्यवस्था कैसे कंट्रोल हाेगी। इसलिए नियमित कर्मचारियों की भर्ती की जाए।