इन बातों का रखें ख्याल
सबसे पहले आपको यह ध्यान रखना होगा कि मधुमक्खी पालन के लिए तीन किस्म की मधुमखियों की आवश्यकता होती है। जिनमें रानी मधुमक्खी, श्रमिक माखी और तीसरी नर मधुमक्खी शामिल है। बता दें कि रानी मधुमक्खी 24 घंटे में 900 से 1500 तक अंडे देती है जबकि श्रमिक मधुमक्खी जो अंडे से निकले बच्चों को खाना खिलाती है। जिसकी संख्या 15-20 हज़ार होती है। वहीं, नर मधुमक्खी रानी मक्खी को गर्भ में धारण करती है। जिसकी संख्या 100-200 के बीच होती है। मधुमक्खियां साफ़ और सुथरी जमीन पर अधिक बेहतरीन तरीके से बड़ी संख्या में जमा होती हैं। इसलिए इस बिजनेस के लिए साफ जगह का चुनाव करें।
मधुमक्खी पालन के लिए सामग्री
- लकड़ी का बॉक्स
- बॉक्सफ्रेम
- जालीदार कवर
- दस्तानें
- चाकू
- शहद
- रिमूविंग मशीन
- शहद इकट्ठा करने के लिए ड्रम
सब्सिडी मुहैया कराती है सरकार
सरकार ने मधुमक्खी पालन के विकास के लिए मधुमक्खी पालन का विकास नाम से योजना शुरू की है। जिसके तहत, सरकार इस उद्यम को स्थापित करने वालों को वित्तीय सहायता प्रदान कर रही है। यह योजनाएं न केवल मधुमक्खी पालन के क्षेत्र को विकसित करने में मदद करेंगी बल्कि कृषि उत्पादकता में भी सुधार ला सकती है। सरकार द्वारा प्रदान की जाने वाली सब्सिडी व्यवसायिक प्राथमिकताओं, प्रशिक्षण और संसाधनों के लिए आर्थिक सहायता प्रदान कर सकती है। यदि आप कृषि क्षेत्र में अपना करियर बनाना चाहते हैं तो सरकार आपको इसके लिए 80 से 85 फीसदी तक की सब्सिडी मुहैया कराती है। बता दें कि राष्ट्रीय मधुमक्खी बोर्ड ने नाबार्ड के साथ मिलकर इस योजना की शुरूआत की है।
(Disclaimer: यहां मुहैया सूचना अलग-अलग जानकारियों पर आधारित है। MP Breaking News किसी भी तरह की जानकारी की पुष्टि नहीं करता है।)