भोपाल/जबलपुर।
मध्यप्रदेश के 20 निजी मेडिकल कॉलेजों को हाईकोर्ट ने नोटिस जारी किया है।हाईकोर्ट ने निजी मेडिकल एवं डेंटल कॉलेजों में सामान्य वर्ग के छात्रों को 10 फीसदी आरक्षण ना देने के चलते ये नोटिस जारी किया है और चार हफ्तों में जवाब मांगा है। साथ ही सरकार को फटकार लगाते हुए सवाल किया है अभी तक छात्रों को यह लाभ क्यों नही दिया गया।
हाईकोर्ट में दायर याचिका में काउंसलिंग निरस्त करके आरक्षण लागू करने के बाद नए सिरे से काउंसलिंग कराने की मांग की गई है। यह याचिका राहुल कुमार मिश्रा ने द्वारा दायर की गई है। याचिकाकर्ता का कहना है कि पिछले 26 जुलाई से नीट यूजी 2019 की काउंसलिंग शुरू हुई है। लेकिन निजी मेडिकल एवं डेंटल कॉलेजों में सामान्य वर्ग के छात्रों के लिए आरक्षण लागू नहीं किया। सामान्य वर्ग के आर्थिक रूप से कमजोर छात्र अपने इस विशेषाधिकार से वंचित हो रहे हैं। याचिका में मांग की गई कि वर्तमान काउंसलिंग प्रकिया को निरस्त करके पुनह काउंसलिंग कराई जाए।
याचिका पर एक्टिंग चीफ जस्टिस आरएस झा एवं जस्टिस विजय शुक्ला की खंडपीठ ने केंद्र सरकार, एमसीआई के सचिव, डायरेक्टर मेडिकल कॉलेज, अरबिंदो इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंस इंदौर, इंडेक्स मेडिकल कॉलेज इंदौर, आरडीगार्डी मेडिकल कॉलेज उज्जैन, चिरायू मेडिकल कॉलेज भोपाल, पीपुल्स मेडिकल कॉलेज भोपाल, एलएन मेडिकल कॉलेज भोपाल सहित प्रदेश के 20 निजी मेडिकल एवं डेंटल कॉलेजों को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है। साथ ही राज्य सरकार से पूछा है कि प्रदेश के निजी मेडिकल एवं डेंटल कॉलेजों में आर्थिक रूप से पिछड़े सामान्य वर्ग के लिए लागू किया गया 10 प्रतिशत आरक्षण का लाभ क्यों नहीं दिया जा रहा है।