ग्वालियर । चुनाव लड़ना किसी के लिए जुनून भी हो सकता है ये बहुत कम सुनने को मिलता है लकिन ग्वालियर के एक चाय वाले ने इसे सच साबित कर दिखाया है। ग्वालियर के एक मोहल्ले में चाय की छोटी सी दुकान चलाने वाले आनंद सिंह कुशवाह पिछले कई दशकों से चुनाव लड़ रहे हैं। ये बात अलग है कि वे आज तक कोई चुनाव नहीं जीते लेकिन उनका जुनून कम नहीं हुआ है। वे मानते है कि जब एक चाय वाला प्रधानमंत्री बन सकता है तो मैं सांसद क्यों नहीं बन सकता ।
1994 से चुनाव लड़ रहे आनंद सिंह कुशवाह इससे पहले राष्ट्रपति, उपराष्ट्रपति, सांसद, विधायक, महापौर और पार्षद के 21 चुनाव लड़ चुके हैं। बहरहाल ग्वालियर के चाय वाले आनंद सिंह कुशवाह का ग्वालियर लोकसभा सीट से नामांकन भरना एक बार फिर चर्चा का विषय बना हुआ है | दरअसल लोगों के बीच रामायणी नाम से चर्चित आनंद सिंह कुशवाह रामचरित मानस का पाठ गाकर करते हैं इनके चुनाव लड़ने के जुनून के पीछे भी एक कहानी है।
यह है हर चुनाव लड़ने की कहानी
आनंद के अनुसार एक बार पार्षद के चुनाव में उनके समाज के नेता और मध्यप्रदेश शासन के पूर्व मंत्री नारायण सिंह कुशवाह के बीच तकरार हो गई थी । तब नारायण सिंह कुशवाह और आनंनद सिंह कुशवाह ने एक ही वार्ड से पार्षद का चुनाव लड़ा था, बकौल आनंद सिंह कुशवाह उम्मीदवारी को लेकर नारायण सिंह कुशवाह ने उनसे ऐसा कुछ कह दिया जिसके बाद से उन्होंने देश में होने वाले सभी चुनाव लड़ने की ठान ली। उनका कहना है कि जब तक सांस है तब तक चुनाव लड़ता रहूंगा । उन्हें भरोसा है कि कभी तो ईश्वर उनकी भी सुनेगा।