आगर मालवा। गिरीश सक्सेना।
मध्य प्रदेश में मुख्यमंत्री पद की शपथ लेते ही सबसे पहले किसान कर्ज माफी की फाइल पर साइन किया था। लेकिन बैंक में रकम नहीं पहुंचने से अभी की रिकरवी जारी है। बैंक किसानों पर दबाव बनाकर उनसे कर्ज की वसूली कर रहे हैं। आगर मालवा जिले के सुसनेर में केसीसी का ऋण वसूलने के लिए बैंक कर्मचारियों द्वारा किसान से अभद्रता करने का मामला सामने आया है।
सुसनेर की बैंक ऑफ इंडिया के मैनेजर संजय जायसवाल और उनके साथी कर्मचारी द्वारा ऋणी किसान नंदकिशोर के भाई मुकेश पाटीदार की हार्डवेयर की दुकान पर पहुंचकर ऋण वसूली के लिए अभद्रता की गई है । बैंक कर्मचारियों द्वारा की गई अभद्रता का यह वीडियो काफी तेजी से सोशल मीडिया में वायरल हो रहा है। यह घटना तब और महत्वपूर्ण हो जाती है जब एक तरफ मप्र की नई कांग्रेस सरकार किसानों के 2 लाख तक के ऋण माफ़ करने के आदेश जारी कर चुकी है ।
पूरे मामले में पीड़ित किसान मुकेश पाटीदार का कहना है कि उसने बैंक से कोई ऋण नहीं लिया है। बैंक से ऋण उससे अलग रहने वाले भाई नंदकिशोर ने लिया है, इसके बाद भी बैंक के मैनेजर और कर्मचारी ने उसकी हार्डवेयर की दुकान पर आकर ऋण जमा करने के लिए कहा जा रहा था और जब उसने बैंक अधिकरी से शासन की ऋण माफी योजना की बात कही तो उसके बाद बैंक कर्मचारी उससे सार्वजनिक रूप से अभद्रता करने लगे। यहां तक की बैंक कर्मचारी द्वारा उसका मोबाइल तक भी फेंक दिया था जिससे मोबाइल की स्क्रीन भी टूट गई है।
बैंक कर्मियों द्वारा की गई इस अभद्रता का वीडियो वहां मौजूद अन्य लोगों द्वारा बनाया गया है जो अब सोशल मीडिया में वायरल हो रहा है। पीड़ित किसान ने इस संबंध में पुलिस थाना सुसनेर में भी एक शिकायती आवेदन देकर दोषी बैंक कर्मचारियों के खिलाफ कार्यवाही की मांग की है ।वही दूसरी और बैंक के मैनेजर संजय जायसवाल का कहना है कि कर्ज माफी को लेकर अभी शासन का कोई आदेश नही मिला है । वो किसान से सिर्फ ऋण का ब्याज भरकर खाता एनपीए होने से बचाने के बात कह रहे थे पर किसान अपने आपको पत्रकार बता कर धोस दिखा रहा था । खैर जो भी हो यह घटनाक्रम एक तरफ सरकार की कर्यप्रणाली पर प्रश्नवाचक चिन्ह लगता है तो वही इस ऋण माफी से बैंको के अंदर मची खलबली को भी सामने ला रहा है ।