हर इंसान का कोई न कोई शौक होता है। कुछ लोगों के शौक आम होते हैं, जैसे म्यूजिक सुनना, ट्रैवल करना या किताबें पढ़ना। लेकिन कुछ लोग ऐसे भी हैं जो अपने शौक को इस हद तक लेकर जाते हैं कि वो लोगों के लिए कौतूहल का विषय बन जाते हैं। क्या आपने कभी किसी को पहाड़ की चोटी पर कपड़े प्रेस करते देखा है? या फिर पानी के नीचे हॉकी खेलते? ये बातें मज़ाक लग सकती हैं, लेकिन दुनिया में ऐसे शौक रखने वाले लोग वाकई मौजूद हैं।
आज हम आपको बताएंगे कुछ ऐसे ही अजीब और अनोखे शौकों के बारे में जो दुनिया भर में लोगों के बीच मशहूर हैं। ये शौक न सिर्फ अलग हैं, बल्कि ये उनके जुनून, सोच और साहस को भी दर्शाते हैं।
अनोखे शौक जो बन चुके हैं पहचान
अंडरवॉटर हॉकी
हॉकी तो आपने ज़मीन पर खेलते देखी होगी, लेकिन अंडरवॉटर हॉकी? जी हां, ये असली है। इस हॉबी में खिलाड़ी पानी के अंदर छोटी सी स्टिक और डिस्क से हॉकी खेलते हैं। इसे ‘ऑक्टोपुश’ भी कहा जाता है और इसकी शुरुआत यूके में हुई थी। खिलाड़ियों को सांस लेने के लिए बार-बार सतह पर आना पड़ता है। इसमें दम, तकनीक और तालमेल तीनों की ज़रूरत होती है।
सैंड आर्ट
रेत पर बनी कलाकृतियाँ सिर्फ सुन्दर ही नहीं होतीं, बल्कि ये जीवन की अस्थायिता की भी याद दिलाती हैं। यह एक ऐसा शौक है जिसमें कलाकार कुछ ही घंटों में रेतीली सतह पर ऐसी आकृतियाँ बना देते हैं जिन्हें देखकर आंखें ठहर जाती हैं। भारत के सुदर्शन पटनायक जैसे कलाकारों ने इसे अंतरराष्ट्रीय मंच पर पहचान दिलाई। यह शौक समुद्र किनारे रहने वालों में खासा लोकप्रिय है। रेत के महलों से लेकर सामाजिक संदेशों तक, हर तरह की कला यहां दिखती है।
ट्री क्लाइम्बिंग
ये सिर्फ बच्चों का खेल नहीं है। बहुत से लोग इसे प्रोफेशनल तौर पर अपनाते हैं और ऊंचे-ऊंचे पेड़ों पर चढ़ते हैं, वहां कैंपिंग करते हैं या बर्ड वॉचिंग करते हैं। जापान, अमेरिका और जर्मनी में यह शौक काफ़ी पॉपुलर है। कुछ लोग इसे ध्यान और मानसिक शांति के लिए करते हैं। ये शारीरिक रूप से भी फिट रहने में मदद करता है।
म्यूरल्स बनाना
ये शौक सिर्फ कला तक सीमित नहीं है, यह सामाजिक बदलाव का जरिया भी बन चुका है। लोग दीवारों पर पेंटिंग बनाकर समाज को जागरूकता का संदेश देते हैं। भारत में कई म्यूरल आर्टिस्ट ने दिल्ली, मुंबई, बेंगलुरु की दीवारों को जीवंत बना दिया है। इससे शहरी सौंदर्यीकरण भी होता है और कलाकारों को पहचान भी मिलती है। यह शौक कला और सामाजिक चेतना का अनोखा संगम है।
शौक सिर्फ समय बिताने का जरिया नहीं, पहचान बन जाते हैं
इन अनोखे और अजीब शौकों से साफ़ है कि शौक सिर्फ एक टाइमपास नहीं, बल्कि लोगों के लिए एक जुनून, एक जुनून से बढ़कर पहचान बन जाते हैं। दुनिया भर में लोग अपने इंटरेस्ट को नई ऊँचाइयों तक ले जाते हैं।





