भोपाल डेस्क ब्यूरो। प्रदेश के सरकारी स्कूलों के टीचर अब लोगों को कोरोना की वैक्सीन लगवायेगे। राज्य शिक्षा केंद्र के मार्फत सभी शिक्षा केंद्रों ने अपने अपने क्षेत्र के सरकारी स्कूलों को यह फरमान जारी किया है। इसके लिए बाकायदा टारगेट भी दिया गया है।
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चुनाव ड्यूटी से लेकर पशु गणना तक की ड्यूटी मे खपाये जाते रहे प्रदेश के सरकारी स्कूलों के टीचर अब कोरोना वैक्सीन लगवाने के लिए लोगों को प्रेरित करने का काम करेंगे। दरअसल प्रदेश में 11 से 14 अप्रैल तक कोविड-19 टीकाकरण महोत्सव मनाया जा रहा है। इसके अंतर्गत सभी सरकारी संस्थाओं में सोमवार, बुधवार, गुरुवार और शनिवार को टीकाकरण सत्र का आयोजन होगा। सभी जनपद शिक्षा केंद्रों से अपने अंतर्गत आने वाले सरकारी स्कूलों को फरमान जारी किया गया है कि वहां के सभी टीचर अपने अपने कक्षा में पढ़ने वाले विद्यार्थियों के 45 साल से ऊपर के माता-पिता को संपर्क कर उन्हें टीका लगाने के लिए प्रेरित करेंगे। इसके लिए बाकायदा एक फॉर्मेट जारी किया गया है जिसमें स्कूल का नाम, कक्षा अध्यापक का नाम, कुल विद्यार्थी संख्या, विद्यार्थियों के यहां 45 साल से ऊपर के सदस्यों की संख्या ,इनमें से किसने वैक्सीनेशन कराया उसकी संख्या, और रिपोर्टिंग दिनांक को वैक्सीनेशन कराए गए सदस्यों की संख्या देने के बारे में कहा गया है।
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इस व्यवस्था को लेकर शिक्षक संगठनों ने असंतोष जाहिर किया है ।उन्होंने छिंदवाड़ा का उदाहरण देते हुए बताया कि छिंदवाड़ा में कोरोना के चलते कई टीचरों की मृत्यु हो गई है। इस व्यवस्था से शिक्षकों मे संक्रमण और ज्यादा बढ़ेगा। इसीलिए इस आदेश को वापस लिया जाना चाहिए।
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हैरत की बात यह भी है कि स्कूल बंद है लेकिन टीचरों को स्कूल बुलाया जा रहा है ।शिक्षक संगठनों का कहना है कि कोरोना काफी तेजी से फैल रहा है इसीलिए कुल टीचरों की संख्या का 50% ही ऑड इवन सिस्टम के माध्यम से स्कूलों में बुलाया जाना चाहिए। दो दिन पहले ही निशातपुरा स्कूल में 4 शिक्षक कोरोना संक्रमित पाए गए हैं और कुछ दिन पहले मुख्यमंत्री के एक कार्यक्रम के बाद टीचर कोरोना संक्रमित हो गए थे।