भारत त्योहारों का देश है, जहां हर महीने, हर मौसम में कोई न कोई उत्सव मनाया जाता है। लेकिन क्या आप जानते हैं, यहां कई ऐसे त्योहार भी हैं, जिनके बारे में शायद आपने कभी सुना ही न हो? ये त्योहार न सिर्फ़ अपने अनोखे रिवाज़ों के लिए मशहूर हैं, बल्कि इनमें छिपी लोककथाएं भी आपको हैरान कर सकती हैं।
कुछ त्योहार जहां रंग-बिरंगे कपड़े, गीत-संगीत और स्वादिष्ट पकवानों से भरपूर होते हैं, वहीं कुछ त्योहार अपनी अजीब परंपराओं और रहस्यमयी मान्यताओं के लिए जाने जाते हैं। आइए, जानते हैं ऐसे ही भारत के कुछ अनजाने त्योहारों के बारे में, जो आपको हैरानी और उत्सुकता दोनों से भर देंगे।
भारत के अनोखे और कम-ज्ञात त्योहार
थेय्यम
केरल का थेय्यम त्योहार देखने लायक अनुभव है। इसमें कलाकार रंग-बिरंगे परिधानों और भव्य मेकअप के साथ देवताओं का रूप धारण करते हैं। यह सिर्फ़ नृत्य नहीं, बल्कि एक धार्मिक अनुष्ठान है, जिसमें दर्शकों को लगता है जैसे भगवान स्वयं धरती पर उतर आए हों। थेय्यम में संगीत, नृत्य और कथा-वाचन का अद्भुत मेल देखने को मिलता है।
फूलाैंग देई
उत्तराखंड के गढ़वाल क्षेत्र में मनाया जाने वाला फूलाैंग देई, वसंत ऋतु के आगमन का प्रतीक है। इस दिन बच्चे घर-घर जाकर फूल सजाते हैं और मिठाइयां बांटते हैं। यह त्योहार प्रकृति और समुदाय के बीच के गहरे संबंध को दर्शाता है। खास बात यह है कि इसे मनाने में किसी भव्य सजावट की ज़रूरत नहीं, बस प्रकृति की गोद से तोड़े गए रंग-बिरंगे फूल ही पर्याप्त हैं।
बोनालू
बोनालू तेलंगाना का एक प्रमुख त्योहार है, जो देवी महाकाली को समर्पित है। इस त्योहार के दौरान, महिलाएं देवी महाकाली की पूजा करती हैं और उन्हें बोनालू (भोग) चढ़ाती हैं। यह त्योहार आमतौर पर जून और जुलाई के महीने में मनाया जाता है और इसमें पूरे राज्य की महिलाएं भाग लेती हैं।
हेमिस फेस्टिवल
हेमिस फेस्टिवल लद्दाख का एक प्रमुख त्योहार है, जो बौद्ध धर्म के गुरु पद्मसंभव की जयंती के अवसर पर मनाया जाता है। इस त्योहार के दौरान, लोग हेमिस मठ में इकट्ठे होते हैं और गुरु पद्मसंभव की पूजा करते हैं। यह त्योहार आमतौर पर जून के महीने में मनाया जाता है और इसमें पूरे लद्दाख के लोग भाग लेते हैं।





