Navpancham Rajyog 2025 : ज्योतिष शास्त्र में ग्रहों, राशियों और नक्षत्रों का बड़ा महत्व माना जाता है। हर ग्रह एक निश्चित समय अंतराल के बाद एक से दूसरी राशि में प्रवेश करते है जिससे योग राजयोग का निर्माण होता है। इसी क्रम में धनतेरस से पहले दैत्यों के गुरू शुक्र और अरूण मिलकर एक शक्तिशाली राजयोग बनाने जा रहे है। वर्तमान में शुक्र कन्या राशि में विराजमान है और 2 नवंबर तक यहीं रहेंगे। वही अरूण ग्रह वृषभ राशि में विराजमान है। आज 14 अक्टूबर मंगलवार को शुक्र-अरूण एक-दूसरे से 120 डिग्री पर होंगे, जिससे नवपंचम राजयोग का निर्माण होगा जो 3 राशियों के लिए लकी साबित होगा। आईए जानते है इन भाग्यशाली राशियों के बारें में……..
नवपंचम राजयोग का राशियों पर प्रभाव
कुंभ राशि पर प्रभाव: नवपंचम राजयोग जातकों के लिए लाभकारी साबित हो सकता है। किस्मत का साथ मिल सकता है। नौकरीपेशा को पदोन्नति या वेतन वृद्धि की सौगात मिल सकती हैं। वैवाहिक जीवन शानदार रहेगा। व्यापार में वृद्धि के नए अवसर मिलेंगे। देश- विदेश की यात्रा कर सकते हैं।इस अवधि में कोई वाहन या प्रापर्टी खरीद सकते हैं।
सिंह राशि पर प्रभाव: नवपंचम राजयोग का बनना जातकों के लिए लाभकारी साबित हो सकता है। नौकरी में नए अवसर मिल सकते है। पदोन्नति के साथ वेतनवृद्धि का तोहफा मिल सकता है। समय- समय पर आकस्मिक धनलाभ की प्राप्ति हो सकती है। व्यापार में धनलाभ के प्रबल योग है।आर्थिक स्थिति मजबूत हो सकती है। व्यक्तित्व में निखा आएगा।
मिथुन राशि पर प्रभाव: नवपंचम राजयोग जातकों के लिए शुभकारी सिद्ध हो सकता है।भौतिक सुखों की प्राप्ति हो सकती है। इस अवधि में कोई वाहन या प्रापर्टी खरीद सकते हैं। पारिवारिक जीवन में लंबे समय से चल रहा कोई विवाद सुलझ सकता है। रिश्तों में मधुरता आ सकती है। नौकरीपेशा को वेतनवृद्धि के साथ पदोन्नति का तोहफा मिल सकता है। समाज में मान-सम्मान बढ़ सकता है ।
ऐसे बनता है कुंडली में नवपंचम राजयोग
ज्योतिष के मुताबिक, नवपंचम राजयोग तब बनता है जब दो ग्रह एक दूसरे से त्रिकोण भाव में स्थित हो जाते हैं। दोनों ग्रहों के बीच 120 डिग्री का कोण बनता है तथा एक ही तत्व राशि होती है। जैसै मेष, सिंह, धनु को अग्नि राशि, वृषभ, कन्या, मकर को पृथ्वी राशि, मिथुन, तुला, कुंभ को वायु राशि और कर्क वृश्चिक मीन को जल राशि माना जाता है, ऐसे में जब एक ही तत्व वाली दो राशियों में 2 ग्रह पहुंचकर 120 डिग्री का कोण, जिसे नक्षत्र के द्वारा भी जान सकते हैं, तो नवपंचम राजयोग बनता है।
(Disclaimer : यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं, ज्योतिष, पंचांग, धार्मिक ग्रंथों और जानकारियों पर आधारित है, MP BREAKING NEWS किसी भी तरह की मान्यता-जानकारी की पुष्टि नहीं करता है। हमारा उद्देश्य महज सूचना पहुंचाना है।इसके सही और सिद्ध होने की प्रामाणिकता नहीं दे सकते हैं। इन पर अमल लाने से पहले अपने ज्योतिषाचार्य या पंडित से संपर्क करें)





