भारतीय वास्तु शास्त्र (Vastu Tips) हमेशा से ही प्रकृति, रंगों और प्रतीकों के माध्यम से घर में सकारात्मक ऊर्जा बढ़ाने पर ज़ोर देता आया है। इसी परंपरा में पक्षियों की तस्वीरें, विशेषकर तोते की तस्वीर, बेहद शुभ मानी जाती है। तोता सिर्फ एक पक्षी नहीं, बल्कि प्रेम, दीर्घायु, संचार, समझदारी और सौभाग्य का प्रतीक है। कहा जाता है कि जिस घर में सही दिशा में तोते की तस्वीर लगाई जाती है, वहाँ रिश्ते मजबूत होते हैं और आर्थिक समृद्धि का प्रवाह बढ़ता है।
आजकल कई लोग अपने घरों का वास्तु सुधारने के लिए छोटे-छोटे उपाय अपनाते हैं। ऐसे में तोते की तस्वीर सबसे सरल, सस्ती और प्रभावी वास्तु टिप मानी जाती है। कई वास्तु विशेषज्ञ मानते हैं कि तोते की ऊर्जा घर में न सिर्फ प्रेम लाती है, बल्कि मानसिक स्पष्टता और खुशियों को भी बढ़ाती है। लेकिन यह तभी प्रभावी होती है, जब इसे सही दिशा, सही कमरे और सही भाव वाली तस्वीर के रूप में लगाया जाए। इस लेख में हम विस्तार से समझेंगे कि वास्तु शास्त्र में तोते की तस्वीर क्यों इतनी खास है और इसे कहां लगाने से जीवन में सकारात्मक बदलाव दिखने लगते हैं।
तोते की तस्वीर क्यों मानी जाती है शुभ?
वास्तु शास्त्र में तोता कई सकारात्मक ऊर्जाओं का संवाहक माना गया है। भारतीय संस्कृति में भी तोते को प्रेम का दूत माना गया है। पौराणिक कथाओं में कई बार कामदेव के वाहन के रूप में तोते का उल्लेख मिलता है, जो यह संकेत देता है कि यह पक्षी प्रेम, रोमांस और आत्मीयता का प्रतीक है। वास्तु के अनुसार, तोते की तस्वीर घर में मानसिक शांति, स्पष्ट विचार, और स्वस्थ संवाद को बढ़ाती है।
विशेषज्ञों का मानना है कि तोते की हरियाली से भरी छवि मानसिक तनाव को कम करती है और घर में “लाइफ एनर्जी” को सक्रिय रखती है। यही वजह है कि कई लोग प्रेम संबंध मजबूत करने, विवाह में खुशियाँ लाने और पारिवारिक तालमेल बढ़ाने के लिए अपने घर में तोते की तस्वीर लगाते हैं। इसके अलावा, हरे रंग का तोता विकास और आर्थिक उन्नति का भी प्रतीक है, इसलिए यह तस्वीर धन-संबंधी ऊर्जा को भी बढ़ाती है।
किस दिशा में लगाएं तोते की तस्वीर?
ड्राइंग रूम की उत्तर या पूर्व दिशा
वास्तु के अनुसार, घर में सकारात्मक ऊर्जा का सबसे बड़ा प्रवेश द्वार उत्तर और पूर्व दिशा होती हैं। जब ड्राइंग रूम में इन दिशाओं पर तोते की तस्वीर लगाई जाती है, तब परिवार में खुशियाँ बढ़ती हैं, घर का माहौल हल्का और सौहार्दपूर्ण बनता है, मेहमानों के साथ भी संबंध बेहतर रहते हैं, रिलेशनशिप में तनाव कम होता है, तोते की उड़ती या साथ बैठे हुए जोड़े की तस्वीर रिश्तों में प्रेम और संतुलन की वृद्धि का संकेत देती है।
बेडरूम में तोते की जोड़ी
वास्तु विशेषज्ञ मानते हैं कि तोते की जोड़ी की तस्वीर बेडरूम के लिए विशेष रूप से शुभ होती है। यह पति-पत्नी के रिश्ते में सामंजस्य लाती है,गलतफहमियाँ कम करती है, रोमांस और भावनात्मक जुड़ाव बढ़ाती है, लेकिन महत्वपूर्ण बात यह है कि तस्वीर में तोते शांत मुद्रा में हों, झगड़ते हुए या आक्रामक रंगों के न हों।
बच्चों के रूम में उत्तर-पूर्व दिशा
बच्चों के कमरे में पढ़ाई और अच्छी आदतों के लिए सबसे अच्छी दिशा इशान कोण (उत्तर-पूर्व) मानी जाती है। यहाँ तोते की तस्वीर लगाने से क्रिएटिव थिंकिंग बढ़ती है, बच्चों का फोकस मजबूत होता है, सीखने की क्षमता में सुधार आता है, बच्चें उत्साहित, सक्रिय और सकारात्मक रहते हैं, तोते की चमकीली हरियाली बच्चों के मानसिक विकास को भी तेज करती है।
कौन सी तस्वीर न लगाएं?
वास्तु शास्त्र के अनुसार किसी भी तस्वीर का भाव उसके प्रभाव को निर्धारित करता है। इसलिए तोते की तस्वीर चुनते समय केवल सुंदरता नहीं, बल्कि उसकी ऊर्जा भी देखनी चाहिए। गुस्से वाले या आक्रामक तोते की तस्वीर से बचें, ऐसी तस्वीरें घर के वातावरण में अशांति और मनमुटाव का संकेत देती हैं। वास्तु के अनुसार गुस्से वाला पक्षी नकारात्मक ऊर्जा लाता है
घर के सदस्यों के बीच अनबन बढ़ सकती है, भावनात्मक असंतुलन बढ़ सकता है, इसलिए हमेशा शांत, खुश और रंग-बिरंगे तोते की तस्वीर चुनना चाहिए। डार्क बैकग्राउंड से बचें, हल्की और हरियाली वाली तस्वीर सबसे शुभ, हरे, पीले और प्राकृतिक रंग वाली तोते की तस्वीरें घर में “लाइफ फोर्स एनर्जी” का संचार करती हैं।





