संघ के गढ़ में सेंध लगाने कांग्रेस ने उतारा ये कद्दावर आदिवासी नेता

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बैतूल।  मध्य प्रदेश की बैतूल लोकसभा सीट पर कांग्रेस को लंबे समय से जीत का इंजतार है। यह क्षेत्र आदिवासी बाहुल्य है। यहां संघ की गहरी पैठ है। बैतूल को संघ की प्रयोगशाला भी कहा जाता है। धर्मांतरण के मुद्दे को लेकर संघ सबसे अधिक सक्रिय इस जिले में है। भाजपा ने यहां से आरएसएस के दुर्गादास उइके को टिकट दिया है। जबकि कांग्रेस ने उनके सामने वकालत की पढ़ाई पूरी कर चुके 32 वर्षिय उम्र के वकील रामू टेकाम को टिकट दिया है। वह युवा आदिवासी नेता हैं और बैतूल में अपनी सक्रियता को लेकर काफी चर्चित हैं। उन्होंने बताया कि, मेरा परिवार बैतूल जिले की भैंसदेही तहसील के रहने वाले हैं। मैंने भोपाल से कानून की पढ़ाई की है और मैं भारत के राष्ट्रीय छात्र संघ का सक्रिय सदस्य रहा हूं। 

टाकम ने सियासत में आने का फैलसले अपने पिता को देख कर किया। उनके पिता किसान हैं और लंंबे समय तक पंंचायत सदस्य भी रहे हैं। टाकम ने कहा कि मेरे माता पिता किसान हैं। मेरे दो भाई और दो बहन हैं सभी शादीशुदा हैं। शर्माते हुए उन्होंने कहा कि वह फिलहाल उनका विवाह नहीं हुआ है। टेकाम ने भोपाल से कानून की पढ़ाई की है। वह विधानसभा चुनाव के समय सिर्फ एक बार फिर मुख्यमंत्री कमलनाथ से मिले हैं। और उस मुलाकात में उन्होंने मुख्यमंत्री से भैंसदेही विधानसभा से टिकट की मांग की थी। उन्होंंने बताया कि पार्टी द्वारा जब टिकट देने से मना कर दिया गया था। उन्होंंने कहा कि विधानसभा चुनाव में मुझे टिकट नहीं मिला लेकिन मैंने पूरी जान लगाकर पार्टी के लिए प्रचार किया और हमें 32 हजार वोटों से जीत हासिल हुई। 


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