भोपाल| मध्य प्रदेश में एक बार फिर डॉक्टर्स सरकार के खिलाफ मोर्चा खोलने वाले हैं| प्रदेश के 13 मेडिकल कॉलेजों के 3300 मेडिकल टीचरों ने 9 जनवरी को सामूहिक इस्तीफा देने की चेतावनी दी है। यह चेतावनी शनिवार को सेंट्रल मेडिकल टीचर एसोसिएशन की बैठक के बाद दी गई है।
कमेटी के अध्यक्ष डॉ. सुनील अग्रवाल ने कहा कि 10 साल से मांगों को लेकर सिर्फ बैठकों का दौर चल रहा है। हर बार चुनाव के समय सरकारें दावा करती हैं कि डॉक्टरों की समस्यों का समाधान किया जाएगा, लेकिन मांगें पूरी नहीं हुई। डॉक्टर्स 1 जनवरी 2016 से सातावां वेतनमान व विभागीय उच्च स्तरीय वेतनमान की मांग कर रहे हैं। पूर्व में इन्हें एक महीने में मांगों का निराकरण करने का आश्वासन दिया गया था। इसकी अवधि समाप्त हो गई, लेकिन मांगों का निराकरण नहीं हुआ है।
इससे पहले अपनी मांगों को लेकर सिंतबर में सरकार के खिलाफ आंदोलन किया था। इसमें सभी ३३०० डॉक्टर शामिल हुए थे। इस दौरान प्रदेशभर में दो दिन तक डॉक्टरों ने काम नहीं किया। हालांकि हड़ताल को देखते हुए सरकार ने जल्द ही डॉक्टरों की सारी मांगे मानने का आश्वासन दिया था। हालांकि सरकार द्वारा आधी अध्ूारी मांगे मानने से डॉक्टरों ने एक बार फिर सरकार को चेताया है, और एक माह का समय दिया है। अगर सरकार 8 जनवरी तक उनकी मांगे नहीं मानती है तो वे 9 जनवरी को सामूहिक इस्तीफा देंगे।
नई कार्यकारिणी का गठन
बैठक में नई कार्यकारिणी का सर्वसम्मति से गठन भी किया गया है। साथ ही मांगों की लड़ाई के लिए अधिवक्ता की नियुक्ति कर ली है। एसोसिएशन का संरक्षक डॉ. संजीव गौर, अध्यक्ष डॉ. सुनील अग्रवाल, उपाध्यक्ष डॉ. अश्विनी पाठक, डॉ. पूनम माथुर, सचिव डॉ. राकेश मालवीय, सह सचिव डॉ. गीता गुइन, डॉ. अमित यादव, कोषाध्यक्ष डॉ. राहुल रोकड़े को बनाया है।