भोपाल। राजनीति भी अजीब शै है, कब क्या न करवा दे। कल तक जिस ज्योतिरादित्य सिंधिया के सामने मध्य प्रदेश की कमलनाथ सरकार नतमस्तक थी, आज जब वह पार्टी में नहीं है उसी सरकार में उनके खिलाफ काम शुरू हो गया है।
मध्य प्रदेश के आर्थिक अपराध विभाग में सिंधिया के खिलाफ 2014 में की गई एक शिकायत को री ओपन कर दिया है। आर्थिक अपराध प्रकोष्ठ के प्रेस नोट में बताया गया है कि 12 मार्च यानी कि गुरुवार को ग्वालियर निवासी सुरेंद्र श्रीवास्तव ने आवेदन पेश किया है और आवेदन में बताया गया है कि उनके द्वारा 26 मार्च 2014 को एक शिकायती आवेदन पेश करके ज्योतिरादित्य सिंधिया और उनके परिजनों द्वारा वर्ष 2009 में महलगांव ग्वालियर की जमीन सर्वे क्रमांक 916 खरीद कर रजिस्ट्री में काट छांट कर आवेदक की 6000 वर्ग फीट जमीन कम कर दी गई है।
इसके अलावा सुरेंद्र श्रीवास्तव ने सिंधिया देवस्थान के चेयरमैन और ट्रस्टियो के द्वारा महल गांव जिला ग्वालियर स्थित शासकीय भूमि सर्वे क्रमांक 1217 को प्रशासन के सहयोग से फर्जी दस्तावेज तैयार कर विक्रय करने के संबंध में भी एक आवेदन पत्र दिनांक 23 अगस्त 2014 को प्रकोष्ठ में प्रस्तुत करना बताया है । आवेदक ने उपरोक्त शिकायतों को जाचो के बाद नस्तीबद्द किये जाने से असंतुष्ट होकर उसके द्वारा प्रस्तुत उपरोक्त दोनों आवेदन पत्रों पर पुनः जांच की कार्रवाई हेतु अनुरोध किया गया है जिसके आधार पर आर्थिक अपराध प्रकोष्ठ ने सत्यापन की कार्रवाई दोबारा शुरू कर दी है । इस प्रेसनोट से साफ जाहिर हो रहा है कि आर्थिक अपराध प्रकोष्ठ इस मामले की जांच एक बार कर चुका है और मामले को नस्तीबद्द कर चुका है लेकिन एक बार फिर इसे रिओपन करने की कार्यवाही कहीं ना कहीं आर्थिक अपराध प्रकोष्ठ की मंशा पर सवाल खड़े करती है । एमपी ब्रेकिंग न्यूज़ ने सबसे पहले इस बात का खुलासा किया था कि अब सिंधिया सरकार के निशाने पर हैं। आनन-फानन में मध्य प्रदेश के पुलिस महानिदेशक पद पर वीके जोहरी की ज्वाइनिंग को भी इसी तारतम्य में जोड़कर देखा जा रहा था कि अब सिंधिया के खिलाफ हमले तेज होंगे।