भोपाल। कांग्रेस संगठन में बड़े फेरबदल की सुगबुगाहट है, इसमें थोक में पार्टी नेताओं की छुट्टी होने के आसार हैं। इस तरह की सर्जरी इसलिये की जा सकती है कि ताकि आने वाले स्थानीय निकाय के चुनाव में पार्टी की स्थिति को मजबूत बनाया जा सके। इसके अलावा ऐसे पदाधिकारियों पर गाज गिरने की संभावना है जिनके बारे में पार्टी को लगता है उन्होंने सही तरह से पार्टी हित मे काम नहीं किया है।
उल्लेखनीय है कि बीते चार माह पहले विधानसभा चुनाव मे अ’छी वापिसी के बाद दुबारा लोकसभा चुनाव मे जिस तरह से पार्टी की दुर्गति हुई है उसके संगठन स्तर पर बदलाव की चर्चा शुरू हो गई है। इस तरह की कार्यवाही का शिकार किस स्तर के नेता होंगे यह बात अभी स्पष्ट नही है लेकिन इतना तय है कि उन नेताओं के पर कतरा जा सकते हैं जो महत्व पूर्ण पदों पर विराजमान हैं।
संगठन कार्यकारिणी मे एक हजार से ‘यादा पदाधिकारी प्रदेश कार्यकारिणी मे बनाये गये थे। इसे एक तरह जंबो कार्यकारिणी भी कहा जा सकता है। परंतु जिस परिणाम की उम्मीद पार्टी को थी वह पूरी नही हुई है। इसी को समझते हुये जल्द ही ऐसे नेताओ को उनके पदों से रूकसत कर नये पदाधिकारियो को नई जवाबदारी दी जा सकती है। संस्कारधानी से बड़ी संख्या मे पदाधिकारी है, इनके पदों पर छटनी के ��हरे बादल गहराने से इंकार नहीं किया जा सकता है। जैसे ही प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष की कुर्सी पर नये नेता की ताजपोशी होगी उसी के बाद संभावित बदलाव की शुरूआत हो जायेगी। इसमें किसी तरह का जोखिम उठाने को संगठन तैयार नही है।