सर्वधर्म श्रद्धांजलि के कार्यक्रम में बोले धर्म गुरु, ‘बाबा के संविधान ने जोड़ रखा है सभी धर्मों को’

भोपाल। बाबासाहब डॉ.भीमराव अम्बेडकर के 63 वें परिनिर्वाण दिवस के मौके पर सभी धर्मों के धर्मगुरुओं एवं समाजसेवियों द्धारा बोर्ड ऑफिस चौराहा पर बुद्ध वंदना एवं सर्वधर्म श्रद्धांजलि का कार्यक्रम किया गया। जिसमें सभी धर्म के धर्मगुरु शामिल हुए। इनमें फादर मारिया स्टीफन, हाजी मोहम्मद इमरान हारून, शेख मुर्तजा अली, ज्ञानी दिलीप सिंह, पंडित गुरूजी चामूडा दरबार उपस्थित थे। बौद्धधर्म से भंते शाक्यपुत्र  सागर ने बुद्ध वंदना एवं त्रिशरण पंचशील प्रदान किया। इस पावन अवसर पर जनसंपर्क मंत्री पीसी शर्मा ने कहा कि डॉ बाबा साहेब आंबेडकर का दर्शन मानव अनुभूति तथा कर्म के स्वतंत्रता की मांग है। मानव के प्रति प्रेम तथा समता भाव का प्रतीक है। डॉ बाबासाहब आंबेडकर ने समानाधिकार तथा सामाजिक न्याय के लिए अविरत संघर्ष किया। स्वतंत्रता की जिस भावना से उन्होंने जातिवाद, छुआछूत, एवं वर्ण व्यवस्था सामाजिक अन्याय एवं धार्मिक कट्टरता के विरुद्ध आवाज उठाई, वह हमारे लिए एक महान आदर्श है। डॉ बाबासाहेब आंबेडकर के दर्शन में समस्त भारतीय समाज के लिए ही नहीं अपितु संपूर्ण एशिया के लिए वह मानववाद के मसीहा है। 

बड़ी संख्या में उपस्थित लोगो ने बाबासाहब को श्रद्धासुमन अर्पित कर श्रद्धाजलि दी। इस मौके पर सभी धर्म गुरुओं ने बाबासाहब की प्रतिमा पर पुष्प अर्पित कर श्रद्धासुमन अर्पित करते हुए कहा कि ये बाबासाहेब आंबेडकर का संविधान ही है, जिसने हम सबको एक दूसरे से जोड़े रखा है। बाबा साहब के संविधान ने सभी धर्मों औऱ समाज के लोगों को बराबरी हक दिया है और आज उसी हक से हम सब मिल जुलकर बाबासाहब को सर्वधर्म की और से श्रद्धा सुमन अर्पित करते हैं। कार्यक्रम का आयोजन भंते शाक्यपुत्र सागर, अध्यक्ष-दी बुद्धभूमि धम्मदूत संघ द्वारा किया गया।


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