भोपाल।
भोपाल रेप हत्या मामले मे पुलिस ने चौबीस घंटे के अंदर आरोपी को गिरफ्तार कर लिया है। सीएम कमलनाथ ने 48 दिनों में चालान पेश कर आरोपी को एक महिने में सजा दिलाने की बात कही है, वही परिजनों को पांच लाख की आर्थिक सहायता का ऐलान किया है, इसी बीच आज सोमवार को पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज पीड़िता के परिवार से मिलने पहुंचे जहां उन्होंने परिजनों को सांत्वना दिया और मासूम को न्याय दिलाने की बात कही।वही कानून व्यवस्था पर सवाल खड़े किए और पांच लाख की आर्थिक सहायता को नाकाफी बताया।इधर मामले को मानव अधिकार आयोग ने संज्ञान में लिया है। आयोग ने IG भोपाल से एक माह में प्रतिवेदन मांगा है।
शिवराज ने कहा कि दस साल की हमारी भोपाल की मासूम बेटी के साथ जो दरिंदगी की गई, वह रूह कंपा देने वाली है। पुलिस और प्रशासन का रवैया बेहद असंवेदनशील रहा है। हमारी मांग है कि दोषी को कठोरतम दंड और पीड़ित परिवार को न्याय मिले।मैं सुप्रीम कोर्ट से आग्रह करता हूँ कि मासूम बेटियों के साथ दरिंदगी करने वाले मामलों की फास्ट ट्रैक कोर्ट में सुनवाई कर फांसी की सज़ा सुनिश्चित करें।
5 लाख पर्याप्त नही, दोषी पुलिसकर्मियों पर चले मुकदमे
वही सरकार पर हमला बोलते हुए शिवराज ने कहा कि बच्ची के परिजनों को 5 लाख रुपए की आर्थिक सहायता नाकाफी है। मैं मांग करता हूं कि पीड़ित परिवार को पक्का मकान और घर के किसी भी एक सदस्य को रोजगार मिले।वहीं इन सब के लिए पुलिस पर गुस्सा जाहिर करते हुए उन्होंने कहा कि पुलिस अगर गंभीर होती तो बच्ची की जान नहीं जाती। पुलिस वालों ने पीड़ितों की सुनने के बजाय उनके घर जाकर चाय-नाश्ते की इच्छा जाहिर की। यह कैसी पुलिस है। मामले में लापरवाही बरतने वाले 7 पुलिसकर्मियों को निलंबित करने के बजाए बर्खास्त कर अपराधिक मुकदमा चलाने की मांग भी की है। पीड़ित परिवार को उचित आर्थिक सहायता प्रदान की जाये। भोपाल ही नहीं; ऐसी घटनाएं उज्जैन, छतरपुर, नौगांव में भी हुई हैं। सरकार हाथ पर हाथ धरे बैठी। इसे अब सहन नहीं किया जायेगा।
सुप्रीम कोर्ट को लिखूंगा पत्र
उन्होंने आगे कहा कि ‘मैं माननीय सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश को पत्र लिखकर मांग करूंगा की बच्ची से दुष्कर्म कर उसकी हत्या करने वाले इन दरिंदों को अगर फांसी की सजा नहीं होती है तो इन्हें फांसी की सजा दी जाए। मासूम बच्चियों के साथ इस तरह की शर्मनाक हरकतों को अंजाम देने वाले 24 अपराधियों को फांसी की सजा हो चुकी है तो इन्हें अभी तक क्यों नहीं मिली। मैं फास्ट ट्रैक कोर्ट के लिए मैं CJI को भी पत्र लिखूंगा।