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Sat, Dec 6, 2025

होमगार्ड स्थापना दिवस पर सीएम डॉ. मोहन यादव की बड़ी घोषणाएं “कॉल ऑफ सिस्टम समाप्त, जवानों को मिलेंगे स्थायी आवास, 5,000 नई भर्तियां होंगी”

Written by:Shruty Kushwaha
होमगार्ड एवं नागरिक सुरक्षा स्थापना दिवस समारोह में मुख्यमंत्री ने होमगार्ड जवानों की बहादुरी, समर्पण और संकट के समय निभाई गई महत्वपूर्ण भूमिकाओं की सराहना की। इस अवसर पर उन्होंने बताया कि राज्य सरकार विशेष पिछड़ी जनजातियों बैगा, भारिया और सहरिया के युवाओं के लिए अलग बटालियन गठित करने पर भी विचार कर रही है।
होमगार्ड स्थापना दिवस पर सीएम डॉ. मोहन यादव की बड़ी घोषणाएं “कॉल ऑफ सिस्टम समाप्त, जवानों को मिलेंगे स्थायी आवास, 5,000 नई भर्तियां होंगी”

CM Mohan Yadav

सीएम डॉ. मोहन यादव ने आज होमगार्ड एवं नागरिक सुरक्षा स्थापना दिवस के राज्य-स्तरीय समारोह में परेड का निरीक्षण किया और उत्कृष्ट सेवाओं के लिए जवानों को ‘मुख्यमंत्री अदम्य साहसिक कार्य पुरस्कार’ से सम्मानित किया। कार्यक्रम के दौरान मुख्यमंत्री ने होमगार्ड संगठन जवानों के लिए कई महत्वपूर्ण घोषणाएं भी की।

इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने होमगार्ड जवानों की बहादुरी, समर्पण और देश सेवा के जज्बे को सलाम करते हुए कहा कि कानून-व्यवस्था बनाए रखने से लेकर आपदा की हर घड़ी में वे जान की परवाह न करते हुए डटे रहते हैं। उन्होंने कहा कि देश की सेवा के लिए उनकी निष्ठा प्रशंसनीय है।

होमगार्ड्स के लिए मुख्यमंत्री की बड़ी घोषणाएं

मुख्यमंत्री मोहन यादव ने आज होमगार्ड्स एवं नागरिक सुरक्षा स्थापना दिवस के अवसर पर आयोजित समारोह में ‘मुख्यमंत्री अदम्य साहस पुरस्कार’ देने की घोषणा की। इसके तहत साहसी कार्यों के लिए 10 टीमों को हर साल 51-51 हजार के पुरस्कार दिए जाएंगे। इसी के साथ उन्होंने ऐलान किया कि अब होमगार्ड जवानों के लिए ‘कॉल ऑफ सिस्टम’ समाप्त होगा और अनुकंपा अनुदान राशि में वृद्धि की जाएगी। होमगार्ड जवानों के लिए स्थायी आवास देने समेत अन्य महत्वपूर्ण घोषणाएं भी की गई हैं।

पांच हजार जवानों की भर्ती होगी

इस कार्यक्रम में मुख्यमंत्री ने कहा कि सिंहस्थ 2028 के सुव्यवस्थित आयोजन और सुरक्षा व्यवस्था को सुदृढ़ करने के लिए, प्रदेश सरकार ने 5,000 से अधिक होमगार्ड जवानों की भर्ती का लक्ष्य रखा है। इसी के साथ उन्होंने ये भी बताया कि प्रदेश में विशेष पिछड़ी जनजाति के युवाओं को होमगार्ड में भर्ती के लिए बैगा, भारिया और सहरिया बटालियन पर राज्य सरकार विचार कर रही है।

बता दें कि होमगार्ड्स पुलिस का सहायक बल है। यह राज्य के गृह मंत्रालय के अधीन रहता है। 6 दिसंबर 1946 को द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान नागरिकों को बमबारी से बचाने के लिए शुरू हुआ यह संगठन आज भारत की आंतरिक सुरक्षा और आपदा प्रबंधन की रीढ़ बन चुका है। कानून-व्यवस्था से लेकर बाढ़-भूकंप तक, कुंभ मेला से लेकर कोविड कर्फ्यू तक.. हर मोर्चे पर होमगार्ड्स अपनी अहम सेवाएं देते हैं। होमगार्ड पूर्णकालिक सरकारी कर्मचारी नहीं होते बल्कि एक अंशकालिक और कॉल ऑन ड्यूटी स्वैच्छिक बल है। आज होमगार्ड एवं नागरिक सुरक्षा स्थापना दिवस के अवसर पर मुख्यमंत्री ने उनकी भूमिका की सराहना की और उनके लिए कई अहम घोषणाएं की हैं।