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Mon, Dec 8, 2025

VIT विश्वविद्यालय में अवैध रूप से संचालित क्लिनिक सील करने की मांग, NSUI ने सीएम डॉ मोहन यादव को लिखा पत्र

Written by:Atul Saxena
एनएसयूआई ने VIT विश्वविद्यालय सीहोर में बिना अनुमति संचालित क्लिनिक पर गंभीर सवाल उठाए है, छात्र संगठन ने जिम्मेदारों पर तत्काल एफआईआर दर्ज करने और क्लिनिक सील करने की मांग की है।  
VIT विश्वविद्यालय में अवैध रूप से संचालित क्लिनिक सील करने की मांग, NSUI ने सीएम डॉ मोहन यादव को लिखा पत्र

मध्य प्रदेश के सीहोर में स्थित वेल्लोर इंस्टीट्यूट आफ टेक्नोलाजी (VIT) में हुए हंगामे , तोड़फोड़, छात्रों की बीमारी को लेकर लापरवाह प्रबंधन, खराब खाने और पानी की शिकायत करने पर उनके साथ मारपीट फिर एफआईआर का मामला अभी भी थमा नहीं है, छात्र संगठन NSUI छात्रों के समर्थन में मोर्चा खोले हुए है, अब एनएसयूआई ने यूनिवर्सिटी में संचालित क्लिनिक को सील करने की मांग की है और जिम्मेदारों पर एफआईआर  करने की मांग की है।

भारतीय राष्ट्रीय छात्र संगठन (एनएसयूआई) ने वीआईटी विश्वविद्यालय के परिसर में बिना किसी वैध अनुमति के संचालित किए जा रहे क्लिनिक को लेकर गंभीर आपत्ति जताई है और इसे छात्रों व स्टाफ की सुरक्षा से सीधा खिलवाड़ बताया है। इस विषय को लेकर एनएसयूआई के प्रदेश उपाध्यक्ष रवि परमार ने मुख्यमंत्री , उपमुख्यमंत्री , मुख्य सचिव सहित स्वास्थ्य विभाग एवं जिला प्रशासन के अधिकारियों को शिकायत कर तत्काल एफआईआर दर्ज करने, क्लिनिक को सील करने और जिम्मेदारों पर कड़ी कानूनी कार्रवाई करने की मांग की है।

रवि परमार ने उच्च शिक्षा विभाग , मध्यप्रदेश शासन के अवर सचिव वीरन सिंह भलावी के पत्र क्रमांक 1138/180/CC/2025/38, दिनांक 01.12.2025 के हवाला देते हुए बताया कि इस पत्र में शासन ने यह स्पष्ट स्वीकार किया है कि वीआईटी विश्वविद्यालय ने मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी (CMHO), सीहोर से कोई अनुमति नहीं ली गई साथ ही Pollution Control Board से भी कोई अनापत्ति प्रमाणपत्र या लाइसेंस प्राप्त नहीं किया गया, चूंकि यह जानकारी स्वयं शासन के दस्तावेज़ में दर्ज है जिससे साबित होता है कि विश्वविद्यालय परिसर के भीतर संचालित क्लिनिक पूरी तरह ग़ैरक़ानूनी है।

छात्र नेता रवि परमार ने कहा कि वीआईटी विश्वविद्यालय प्रबंधन द्वारा कैंपस के अंदर संचालित किए जा रहे अवैध क्लिनिक में तैनात अनाधिकृत और अप्रमाणित स्वास्थ्यकर्मी की गंभीर लापरवाही के कारण लगभग 35 छात्र–छात्राएं गंभीर बीमारी का शिकार हो गए। बिना वैध अनुमति, बिना योग्य चिकित्सकीय स्टाफ और बिना मानक सुरक्षा प्रोटोकॉल के चलाए जा रहे इस क्लिनिक में गलत उपचार तथा असुरक्षित चिकित्सा पद्धतियों के चलते छात्रों की हालत लगातार बिगड़ती रही। स्थिति इतनी भयावह हो गई कि इलाज में देरी और गलत दवाइयों के कारण एक छात्र की दर्दनाक मृत्यु हो गई। यह घटना विश्वविद्यालय कुप्रबंधन एवं लापरवाही को उजागर करती है ।

अवैध क्लिनिक छात्रों एवं स्टाफ की सुरक्षा के लिए गंभीर खतरा

एनएसयूआई भोपाल जिला अध्यक्ष अक्षय तोमर ने कहा कि बिना अनुमति संचालित क्लिनिक छात्रों एवं स्टाफ की सुरक्षा के लिए गंभीर खतरा है। तोमर ने आरोप लगाया कि विश्वविद्यालय प्रबंधन छात्रों की सुरक्षा से खिलवाड़ कर रहा है और नियमों को ताक पर रखकर अनुचित लाभ लेने की कोशिश कर रहा है।

NSUI की मांग जिम्मेदारों पर की जाए एफआईआर 

एनएसयूआई ने मुख्यमंत्री , उप मुख्यमंत्री/ स्वास्थ्य मंत्री सहित प्रशासन के अधिकारियों को लिखे पत्र में मांग की है कि बिना अनुमति क्लिनिक चलाने पर एफआईआर दर्ज कर जिम्मेदार अधिकारियों पर अपराध दर्ज किया जाए। छात्रों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए क्लिनिक को तुरंत सील किया जाए और  भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए सख्त दिशा-निर्देश और निगरानी व्यवस्था स्थापित की जाए।

एनएसयूआई ने दी आंदोलन की चेतावनी 

एनएसयूआई छात्र नेताओं स्पष्ट कहा है कि यदि प्रशासन शीघ्र कार्रवाई नहीं करता है, तो एनएसयूआई व्यापक आंदोलन और चरणबद्ध विरोध प्रदर्शन करने के लिए बाध्य होगी। छात्रों की सुरक्षा हमारे लिए सर्वोच्च प्राथमिकता है और इस मामले में किसी भी प्रकार की लापरवाही स्वीकार नहीं की जाएगी।