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Fri, Dec 5, 2025

अंतर्राष्ट्रीय चीता दिवस पर सीएम डॉ. मोहन यादव ने दी बधाई, आज कूनो नेशनल पार्क के खुले जंगल में छोड़ेंगे तीन चीते

Written by:Shruty Kushwaha
चीता दुनिया का सबसे तेज धावक है। भारत में चीता 1947 के बाद पूरी तरह विलुप्त हो चुका था और 1952 में इसे आधिकारिक रूप से विलुप्त घोषित कर दिया गया था। 17 सितंबर 2022 को नामीबिया से लाए आठ चीतों को मध्यप्रदेश के कुनो नेशनल पार्क में छोड़ा, जिससे सत्तर साल बाद भारत में चीता की घर-वापसी हुई। इसके बाद दक्षिण अफ्रीका से 12 और चीते लाए गए। मध्यप्रदेश की चीता परियोजना आज दुनिया की सबसे सफल चीता पुनर्स्थापना परियोजनाओं में से एक मानी जा रही है।
अंतर्राष्ट्रीय चीता दिवस पर सीएम डॉ. मोहन यादव ने दी बधाई, आज कूनो नेशनल पार्क के खुले जंगल में छोड़ेंगे तीन चीते

International Cheetah Day

आज अंतर्राष्ट्रीय चीता दिवस है । सीएम डॉ. मोहन यादव ने इस दिन की बधाई और शुभकामनाएं देते हुए कहा है कि प्रधानमंत्री नरेद्र मोदी की विशेष पहल पर मध्यप्रदेश में शुरू हुई चीता परियोजना ने देश में वन्यजीव संरक्षण के नए अध्याय की शुरुआत हुई है। उन्होंने बताया कि अब प्रदेश में चीतों की संख्या बढ़कर 32 हो गई है और वन्यजीवों के संरक्षण के प्रति सरकार पूरी तरह संकल्पित हैं।

आज मुख्यमंत्री श्योपुर के कुनो नेशनल पार्क जाएंगे वहां वे मादा चीता ‘वीरा’ और उसके 10 माह के दो शावकों को बड़े बाड़े की कैद से कुनो के खुले जंगल में रिहा करेंगे। इसके साथ ही वे कुनो राष्ट्रीय उद्यान का 2026 का आधिकारिक कैलेंडर, ‘फील्ड मैन्युअल फॉर क्लीनिकल मैनेजमेंट ऑफ फ्री-रेंजिंग चीताज़ इन कूनो नेशनल पार्क’ पुस्तक तथा नव-निर्मित सोवेनियर शॉप का लोकार्पण भी करेंगे।

मुख्यमंत्री कूनो में खुले जंगल में छोड़ेंगे तीन चीते

मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव आज श्योपुर जिले में स्थित कुनो नेशनल पार्क का दौरे करेंगे और तीन चीतों को खुले जंगल में छोड़ेंगे। बता दें कि पीएम मोदी की पहल पर साल 2022 में भारत में चीतों की पुनर्स्थापना का कार्यक्रम प्रारंभ हुआ था। प्रधानमंत्री के जन्मदिन पर नामीबिया से आए 8 चीतों को कुनो पालपुर में छोड़कर प्रोजेक्ट चीता की शुरुआत हुई थी। इन तीन साल में कुनो और गांधीसागर अभयारण्य में चीतों की कुल संख्या बढ़कर 32 हो गई है, जो परियोजना की सफलता का संकेत मानी जा रही है। पिछले तीन साल में पांच मादा चीतों द्वारा छह बार शावकों को जन्म दिया गया है जिसे वन्यजीव विशेषज्ञ अनुकूलन और प्रजनन क्षमता का संकेत मान रहे हैं।

चौबीस घंटे की जा रही है चीतों की मॉनिटरिंग

वन विभाग के अधिकारियों द्वारा दी गई जानकारी के मुताबिक चीतों की सुरक्षा के लिए एडवांस रेडियो-ट्रैकिंग सिस्टम और मॉनिटरिंग टीमें चौबीस घंटे सक्रिय हैं। आज जिस परोंड वन क्षेत्र में चीता परिवार को छोड़ा जाएगा, वह पर्यटन जोन में आता है। अब तीन और चीता खुले जंगल में विचरण करेंगे और जिससे ईको-टूरिज्म को नया बल मिलेगा साथ ही पर्यटकों की संख्या में भी इजाफा होने की उम्मीद है।