बदनामी के डर से जेल प्रशासन ने दबा दिया खूनी संघर्ष!, हमलावर कैदी का किया ट्रांसफर

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भोपाल। आईएसओ सर्टिफाइड भोपाल जेल कैदियों के लिए असुक्षित होता जा रहा है। यहां से एक बार फिर खूनी संघर्ष की खबर छनकर बाहर निकली है। हालांकि जेल प्रशासन की ओर से इस मामले को पूणत: दबा दिया गया था। दरअसल 28 वें रोजे के दिन 3 जून को आधा दर्जन कैदियों पर इफ्तार की तैयारी के दौरान फल काटने के लिए इस्तमाल की जाने वाली कटनी से हत्या के मामले में सजा काट रहे कु यात बदमाश ने हमला किया था। इस मामले की शिकायत भी थाना गांधी नगर में दर्ज नहीं कराई गई। आनन-फानन में हमला करने वाले कैदी को ग्वालियर जेल में शिफ्ट करा दिया गया है। 

जानकारी के अनुसार शादाब कुरैशी उर्फ शादाब गेट ऐशबाग का निवासी है। वर्ष 2014 में उसने ऐशबाग में जुआ चलाने का विरोध करने पर वहीं के निवासी एक टैैक्सी वाले की गोली मारकर निर्मम हत्या कर दी थी। इस मामले में उसे कोर्ट से सजा सुनाई गई थी। पूर्व में उसे रायसेन जेल सहित अन्य जेलों में रखा जा चुका है। शादाब अपनी राजनेतिक पहुंच का इसतेमाल कर हर बार भोपाल जेल में ट्रांसफर करा लेता है। बीती 11 जून तक शादाब भोपाल जेल में रहा। जेल के पु ता सूत्रों की अगर माने तो बीती 3 जून को 28 वां रोजा था। जेल में इ तार पार्टी का अयोजन एक तनजीम की जानिब से किया गया था। इ तार के पूर्व में फल काटने के लिए चाकूनुमा छोटी-छोटी कटनियों का इस्तेमाल किया जा रहा था। यह धारदार चीज कु यात अपराधी शादाब के हाथ किसी तहर से लग गई थी। हथियार मिलते ही शादाब ने एकाएक अपने आधा दर्जन दुश्मनों पर वार कर लिए। सूत्रों का दावा है कि हमले में एक कैदी के गाल पर गेहरी चोटे आई है। जबकि अन्य के कंधे, हाथ तथा जांघ पर वार किए गए हैं। जेल प्रशासन ने अंदर ही मामले को रफा-दफा कर दिया। इस घटना के बाद में शादाब को ग्वालियर में जेल में ट्रांसफर कर दिया गया। वहीं मामले में जेल अधीक्षक दिनेश नरगावे का कहना है कि जेल में कइ ऐसे कैदी बंद हैं जिनके बीच पुरानी रंजिश बाहर से ही चली आ रही है। यही कारण हैं कि छुट पुट विवाद आए दिन होते हैं। शादाब द्वारा हमला किए जाने की जानकारी उन्हें नहीं है। 


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