भोपाल।
मध्यप्रदेश के पटवारियों के लिए खुशखबरी है।प्रदेश की कमलनाथ सरकार अब पटवारियों को हाईटैक करने जा रही है। खबर है कि पटवारी जल्द ही पटवारी अपने पांरपरिक कागजों के भारी झोले की जगह ई-बस्ते के साथ नजर आएंगे। कमलनाथ सरकार पटवारियों को लैपटॉप देगी ताकि इस ई-बस्ता के ज़रिए वो जमीन के सीमांकन, खसरा-खतौनी, मैपिंग के काम आसानी से कर सकें।इसकी शुरुआत आज मंगवलार को सागर जिले से होगी।इसके बाद यह पूरे प्रदेश में लागू किया जाएगा।
दरअसल, डॉ. हरीसिंह गौर केंद्रीय विवि के स्वर्ण जयंती सभागार में मंगलवार को राजस्व मंत्री गोविंद सिंह राजपूत अपने विधानसभा क्षेत्र सागर के सुरखी से पटवारियों को लैपटॉप बांटकर राज्य स्तरीय कार्यक्रम की शुरुआत करेंगे। लैपटॉप मिलने से पटवारियों को करीब 15 किलो वजनी बस्ते से राहत मिलेगी तो वहीं खसरा बी-1, नामांतरण सहित कई काम आसान होंगे।इस ई-बस्ता के लिए राहतगढ़ में स्पेशल-34 टीम उतारी जाएगी।इस टीम में 34 युवा पटवारी होंगे, जिनकी हाल ही में भर्ती हुई है। पुराने पटवारियों की बजाए हाईटेक वर्किंग को जानने वाले युवा पटवारी इस पॉयलेट प्रोजेक्ट के लिए विशेष तौर पर चुने गए हैं, ताकि लैपटॉप के जरिए जमीनों के रिकार्ड अपडेट करने में कोई दिक्कत न हो।एक महीने तक पटवारियों के कामकाज की मॉनिटरिंग होगी, उसके बाद 60 दिनों तक प्रोजेक्ट का परीक्षण होगा कि प्रदेश भर में किस तरह से पटवारियों से ई-बस्ता योजना से काम कराना है। इसके बाद अन्य तहसीलों में पटवारियों को लैपटॉप दिए जाने की योजना है।
क्या है ई-बस्ता-
सरकार ने पूरे प्रदेश में ई-बस्ता योजना लागू करना तय किया है। यह ई-बस्ता योजना पटवारियों के लैपटॉप के जरिए जमीन के सीमांकन, बंटवारे, मैपिंग, खसरा-खतौनी, नामांतरण सहित सभी प्रकारण के जमीनी दस्तावेज से संबंधित कामों के लिए हैं। अभी तक पटवारी जो काम मैन्युअल तौर पर करते हैं, वो काम अब लैपटॉप यानी ई-बस्ता के जरिए होंगे। इसके लिए स्पेशल साफ्टवेयर बनाया गया है।