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Fri, Dec 5, 2025

कमलनाथ ने MP में स्वास्थ्य सेवाओं के मुद्दे पर सरकार को घेरा, सरकारी अस्पतालों में कई गुना वसूली और अव्यवस्थाओं का आरोप, जांच की मांग

Written by:Shruty Kushwaha
मध्यप्रदेश में स्वास्थ्य सेवाओं की स्थिति को लेकर पूर्व सीएम ने सरकार को कठघरे में खड़ा किया है। विधानसभा में पेश किए गए आंकड़ों का हवाला देते हुए उन्होंने कहा कि राजधानी भोपाल के सरकारी अस्पतालों में जांच और उपचार के नाम पर मरीजों से कई गुना वसूली की जा रही है, जिससे स्वास्थ्य सेवाएं आम लोगों की पहुंच से दूर होती जा रही हैं।
कमलनाथ ने MP में स्वास्थ्य सेवाओं के मुद्दे पर सरकार को घेरा, सरकारी अस्पतालों में कई गुना वसूली और अव्यवस्थाओं का आरोप, जांच की मांग

Madhya Pradesh Healthcare

कमलनाथ ने मध्यप्रदेश में स्वास्थ्य सेवाओं को लेकर प्रदेश सरकार पर निशाना साधा है। विधानसभा में पेश किए गए आंकड़ों के आधार पर उन्होंने आरोप लगाया कि भोपाल के सरकारी अस्पतालों में स्वास्थ्य सेवाओं के लिए मरीजों से कई गुना पैसे वसूले जा रहे हैं और आम आदमी के लिए गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सेवा प्राप्त करना लगभग असंभव होता जा रहा है।

उन्होंने राज्य की आर्थिक नीतियों पर सवाल उठाते हुए कहा कि एक ओर सरकार हर महीने वित्तीय संकट का हवाला देकर हजारों करोड़ रुपये का कर्ज उठा रही है, वहीं दूसरी ओर निजी कंपनियों को “फालतू के भुगतान” किए जा रहे हैं। कमलनाथ ने इसे “स्वास्थ्य सेवाओं के संकट और वित्तीय कुप्रबंधन की जड़” बताया। इसी के साथ उन्होंने पूरे मामले की जांच की मांग की है।

कमलनाथ ने सरकार अस्पतालों की बदइंतजामी पर किए सवाल

कमलनाथ ने कहा है कि विधानसभा में पेश किए गए आंकड़ों से स्पष्ट होता है कि राजधानी भोपाल में मरीजों से जांच और उपचार के नाम पर कई गुना अधिक शुल्क वसूला जा रहा है। उन्होंने कहा कि प्रदेश के वैसे ही डॉक्टरों की कमी है। कई सरकारी अस्पतालों की हालत बदहाल है और पिछले दिनों इंदौर के एमवाय अस्पताल में चूहों के काटने से बच्चों की मौत ने अस्पतालों की असलियत को उजागर कर दिया है। ऐसे में सार्वजनिक अस्पताल जो समाज के कमजोर और आर्थिक रूप से पिछड़े वर्गों के लिए सहारा होते हैं, वहां गरीब मरीजों से कई गुना फीस वसूलना सरकारी संरक्षण में हो रही लूट जैसा कृत्य है।

जांच की मांग  

पूर्व मुख्यमंत्री ने राज्य की वित्तीय नीतियों पर भी प्रश्न उठाए हैं। उन्होंने कहा है कि सरकार हर महीने यह कहकर बड़े पैमाने पर कर्ज ले रही है कि प्रदेश वित्तीय संकट से जूझ रहा है। जबकि दूसरी ओर निजी कंपनियों को फालतू भुगतान किए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि “स्पष्ट है कि स्वास्थ्य सेवाओं का संकट हो या वित्तीय संकट, सारी समस्या की जड़ सरकार के संरक्षण में चल रहे भ्रष्टाचार और फ़िज़ूलखर्ची है।” कमलनाथ ने सरकार से मांग की है कि पूरे प्रदेश के सरकारी अस्पतालों में जहां भी इस तरह की व्यवस्था चल रही है, उसकी विस्तृत जांच कराई जाए और आम आदमी के साथ हो रही लूट तथा सरकारी खज़ाने में हो रहे भ्रष्टाचार पर अंकुश लगाया जाए।