राजनीति में एक दूसरे को छोटा भाई बड़ा भाई कहने वाले कांग्रेस के दिग्गज कमलनाथ और दिग्विजय सिंह के बीच सब कुछ ठीक नहीं चल रहा है। दरअसल एक दिन पहले शनिवार को 2020 में मध्य प्रदेश में कमलनाथ की सरकार गिरने को लेकर सामने आई दिग्विजय सिंह की प्रतिक्रिया ने राजनीतिक हल्कों में हड़कंप मचा दिया था जिसमें उन्होंने कमलनाथ और ज्योतिरादित्य सिंधिया के बीच ग्वालियर चंबल के मुद्दों पर सहमति न बन पाने को कारण बताया था। इसके जवाब में कमलनाथ का रविवार को पोस्ट आया जिसमें उन्होंने सरकार गिरने की वजह जो ज्योतिरादित्य सिंधिया द्वारा सरकार दिग्विजय सिंह द्वारा चलाई जाने को कारण बता दिया है।
दिग्विजय सिंह ने बेबाकी से रिपोर्टर के सवालों के जवाब दिए
शनिवार को एक निजी चैनल को दिए इंटरव्यू में दिग्विजय सिंह ने बेबाकी से रिपोर्टर के सवालों के जवाब दिए। 2020 में कमलनाथ की 18 महीने पुरानी सरकार गिर जाने की वजह का भी उन्होंने खुलासा किया। उन्होंने कहा कि कमलनाथ और ज्योतिरादित्य सिंधिया के कॉमन फ्रेंड एक बिजनेसमैन के यहां हुई बैठक में यह तय हुआ था कि ग्वालियर चंबल के मुद्दों पर जो उतना ज्योतिरादित्य सिंधिया और दिग्विजय सिंह जो तय करेंगे, उसका पालन होगा। दिग्विजय सिंह ने आगे कहा कि बैठक में लिए गए निर्णय पर पालन नहीं हो पाया और इसकी वजह से सिंधिया रुष्ट हो गए और सरकार गिर गई। यानी साफ तौर पर प्रत्यक्ष न सही लेकिन अप्रत्यक्ष रूप से उन्होंने कमलनाथ के द्वारा सिंधिया को संतुष्ट न कर पाना सरकार जाने की वजह बता दिया।
मध्य प्रदेश में 2020 में मेरे नेतृत्व वाली कांग्रेस सरकार गिरने को लेकर हाल ही में कुछ बयानबाजी की गई है।
मैं सिर्फ़ इतना कहना चाहता हूँ कि पुरानी बातें उखाड़ने से कोई फ़ायदा नहीं। लेकिन यह सच है कि व्यक्तिगत महत्वाकांक्षा के अलावा श्री ज्योतिरादित्य सिंधिया को यह लगता था कि…
— Kamal Nath (@OfficeOfKNath) August 24, 2025
अब गड़े मुर्दे उखाड़ने का कोई फायदा नहीं: कमलनाथ
रविवार को इस मुद्दे पर कमलनाथ का जवाब सामने आया। एक्स पर पोस्ट कर कमलनाथ ने लिखा कि अब गड़े मुर्दे उखाड़ने का कोई फायदा नहीं लेकिन सरकार जाने की एक बड़ी वजह यह थी कि ज्योतिरादित्य सिंधिया को यह लगता था कि सरकार दिग्विजय सिंह चला रहे हैं। साफ तौर पर इस पोस्ट के माध्यम से कमलनाथ ने दिग्विजय सिंह के द्वारा कमलनाथ पर किए गए वार का प्रतिकार कर दिया और सीधे तौर पर कांग्रेस की सरकार जाने के लिए कहीं ना कहीं दिग्विजय सिंह को ही कटघरे में खड़ा कर दिया। हालांकि 2020 में भी कमलनाथ दिग्विजय सिंह को सरकार जाने के लिए अप्रत्यक्ष रूप से यह कहकर जिम्मेदार ठहराते रहे हैं कि दिग्विजय सिंह अंतिम समय तक कहते रहे की सरकार का कुछ नहीं बिगड़ेगा और उन पर भरोसा करके वह भी सोचते रहे कि सब कुछ ठीक है।
मध्य प्रदेश में कांग्रेस की हालत किसी से छुपी नहीं है। हाल ही में बनाए गए जिला अध्यक्षों को लेकर असंतोष चरम पर है और कई जगह इसके खिलाफ विरोध के स्वर खुले तौर पर सामने आ गए हैं। पार्टी के कई नेता नियुक्तियों में लेनदेन के आरोप लगा चुके हैं। ऐसे में पार्टी के मध्य प्रदेश में आधार स्तंभ माने जाने वाले कमलनाथ और दिग्विजय सिंह के बीच यह कोल्ड वॉर अब क्या सियासी रंग लाएगा, यह देखने वाली बात होगी।
उल्लेखनीय है कि 2023 के विधानसभा चावन के पहले कांग्रेस ने कमलनाथ और दिग्विजय सिंह की तुलना फिल्म शोले के जय और वीरू से की थी। कांग्रेस के तत्कालीन महासचिव रणदीप सिंह सुरजेनवाला ने कहा था की जय और वीरू मिलकर इस बार कांग्रेस की सरकार बनवाएंगे और बीजेपी को मुंह की खानी पड़ेगी। इसके जवाब में बीजेपी ने जय और वीरू को जेल से भागे हुए अपराधी बताते हुए कांग्रेस को ही कटघरे में खड़ा कर दिया था





