नगरीय क्षेत्रों में झील, तालाब से जल कुंभी, बेशरम बेल और गाजर घास जैसे खरपतवार को हटाएगी एमपी सरकार, सर्वेक्षण के निर्देश

जलीय संरचनाओं को खरपतवार से अतिक्रमण मुक्त करने की कार्ययोजना को संचालनालय की इस पहल को जल संरचानाओं के दीर्घ कालिक संरक्षण एवं पर्यावरण संतुलन की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है।

मध्य प्रदेश सरकार शहरी क्षेत्रों में मौजूद जल संरचनाओं के जल को साफ रखने, जलीय जंतुओं और वनस्पति को नकारात्मक प्रभाव से बचाने के लिए इनमें उगने वाली खरपतवार को हटाने की योजना बना रही है, सरकार ने खरपतवार का सर्वेक्षण कर इसकी डीपीआर बनाने के निर्देश दिए हैं।

मध्य प्रदेश के नगरीय क्षेत्रों में तालाब, झील जैसी जल संरचनाएं मौजूद हैं बड़ी बड़ी रियासतों वाले मध्य प्रदेश के कई शहरों में राजाओं ने जनता को पेयजल उपलब्ध कराने के लिए इस तरह की जलीय संरचनाओं का निर्माण कराया वहीं कुछ प्राकृतिक रूप से निर्मित हो गई लेकिन अब इनपर बड़ी तेजी से खरपतवार का आक्रमण हो रहा है जिससे इन्हें नुकसान पहुंच रहा है। नगरीय प्रशासन विभाग इस नुकसान को रोकने की कार्ययोजना बना रहा है।

जलीय संरचनाओं पर खरपतवार का आक्रमण  

नगरीय प्रशासन विभाग के आयुक्त संकेत भोंडवे ने प्रदेश के शहरी क्षेत्रों की जल संरचनाओं के संरक्षण को ध्यान में रखते हुए नगरीय निकायों के आयुक्त नगर निगम, मुख्य नगरपालिका अधिकारी और नगर परिषद को पत्र जारी कर निर्देश दिए हैं। निर्देशों में कहा गया है कि शहरी क्षेत्र की झील एवं तालाब में आक्रमक रूप से खरपतवार तेजी से फैल रहे है। इसका नकरात्मक प्रभाव जलीय संरचनाओं पर पड़ रहा है। इसके दुष्प्रभाव से पानी में ऑक्सीजन की कमी के साथ ही जलीय जंतुओं एवं वनस्पति में लगातार गिरावट आ रही है। जैव विविधता की कमी से मानव स्वास्थ्य पर विपरीत असर पड़ रहा है।

15 दिन में डीपीआर भेजने के निर्देश

पत्र में कहा गया है कि जलीय संरचनाओं में सर्वाधिक अतिक्रमण करने वाले मुख्य प्रजाति जल कुंभी, बेशरम बेल और गाजर घास प्रमुख है। नगरीय एवं विकास संचालनालय ने जीआईएस तकनीक के माध्यम से प्रदेश की जल संरचनाओं में जल कुंभी द्वारा अतिक्रमित क्षेत्रों की पहचान की है। इसकी सूची संबंधित नगर निगमों, नगर पालिका और नगर परिषद को भेजी गई है। नगरीय निकायों को अपने क्षेत्र की समस्त वेटलैंड सर्वेक्षण करने के लिये कहा गया है। सर्वेक्षण के बाद विस्तृत परियोजना प्रतिवेदन (डीपीआर) 15 दिन के अंदर भेजने के लिये कहा गया है। इसके साथ ही खरपतवार हटाने की कार्यवाही की जाएगी।


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