मध्य प्रदेश के सोयाबीन उत्पादक किसानों के लिए अच्छी खबर है, सोयाबीन की खरीदी जारी है इस बीच सरकार मॉडल रेट में लगातार वृद्धि कर रही है, आज एक बार फिर मॉडल रेट को बढ़ाया गया है, सोयाबीन के लिए भावांतर योजना लागू करने के बाद सरकार ने 7 नवंबर को पहला मॉडल रेट जारी किया था उसके बाद से लगातार नया मॉडल रेट जारी किया जा रहा है।
शासन ने जानकारी देते हुए बताया कि भावांतर योजना 2025 के अंतर्गत सोयाबीन विक्रेता किसानों के लिए शनिवार 15 नवंबर को 4225 रुपए प्रति क्विंटल का मॉडल रेट जारी किया गया है। यह मॉडल रेट उन किसानों के लिए है जिन्होंने अपनी सोयाबीन की उपज मंडी प्रांगणों में विक्रय की है। इस मॉडल रेट के आधार पर ही भावांतर की राशि की गणना की जाएगी।
7 नवंबर को पहला मॉडल रेट 4020 रुपए जारी हुआ
उल्लेखनीय है कि सोयाबीन के मॉडल रेट में लगातार वृद्धि जारी है। पहला मॉडल रेट 7 नवंबर को 4020 रुपए प्रति क्विंटल जारी किया गया था। इसी तरह 8 नवंबर को 4033 रुपए, 9 और 10 नवंबर को 4036 रुपए, 11 नवंबर को 4056 रुपए, 12 नवंबर को 4077 रुपए, 13 नवंबर को 4130 रुपए और 14 नवंबर को 4184 रुपए प्रति क्विंटल का मॉडल रेट जारी हुआ।
बारिश में ख़राब हो गई सोयाबीन की फसल
बता दें मध्य प्रदेश में पिछले दिनों हुई ज्यादा बारिश ने सोयाबीन की फसल को ख़राब कर दिया था जिसे किसान चिंतित हो गए थे लेकिन उनकी उपज के पूरे दाम किसानों को मिलें इसलिए मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव ने सोयाबीन भावांतर योजना लागू करने की घोषणा की है।
मुख्यमंत्री के निर्देश, किसानों को परेशानी न हो
मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव ने अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि प्रदेश के किसानों के हित में भावांतर योजना प्रारंभ की गई है इसलिए ये ध्यान रखा जाये कि योजना की प्रक्रिया में किसानों को कोई असुविधा न हो। उधर भावांतर योजना लागू होने के बाद से उपार्जन केंद्रों पर सोयाबीन की आवक बढ़ गई है, और तेजी से खरीदी जारी है।
सीएम ने खातों में ट्रांसफर की भावांतर की राशि
सीएम डॉ मोहन यादव ने 13 नवंबर गुरुवार को भावांतर योजना के तहत प्रदेश के सोयाबीन उत्पादक 1.33 लाख किसानों के खातों में 233 करोड़ रुपए की राशि ट्रांसफर की। खास बात ये है कि मध्य प्रदेश किसानों को उपज का उचित लाभ दिलवाने के लिए भावान्तर योजना लागू करने वाला देश का पहला राज्य है। पिछले साल सोयाबीन का भाव 4800 रुपए था, इस बार किसानों को 500 रुपए प्रति क्विंटल का लाभ देकर 5300 रुपए से अधिक कीमत पर सोयाबीन खरीदा जा रहा है।
9.36 लाख से अधिक किसानों ने कराया है पंजीयन
- भावांतर योजना के तहत 3 से 17 अक्टूबर तक रजिस्ट्रेशन किये गए जिसमें में 9 लाख 36 हजार 352 किसानों ने पंजीयन कराया है।
- प्रदेश में सात जिले उज्जैन, राजगढ़, शाजापुर, देवास, सीहोर, विदिशा और सागर ऐसे हैं जहां 50-50 हजार से अधिक किसानों ने पंजीयन करवाया है।
- इसी तरह 21 जिलों से 10-10 हजार से अधिक किसानों ने पंजीयन करवाया है।
- प्रदेश में 24 अक्टूबर से 15 जनवरी 2026 तक सोयाबीन की विक्रय अवधि रहेगी।
- सोयाबीन के लिए MSP प्रति क्विंटल 5328 रुपए घोषित की गई है।
- अगर एमएसपी से कम कीमत पर सोयाबीन बिकता है तो किसानों के घाटे की भरपाई भावान्तर योजना के तहत राज्य सरकार द्वारा की जाएगी।
- फसल के विक्रय मूल्य और न्यूनतम समर्थन मूल्य MSP के अन्तर की राशि सीधे राज्य सरकार देगी।





