नर्सिंग कॉलेज मान्यता में फिर फर्जीवाड़ा! प्राइवेट कॉलेज के संचालकों और फेकल्टी के विरुद्ध एफआईआर की मांग, NSUI पहुंची थाने

एनएसयूआई ने मांग की है कि पूरे प्रकरण की भोपाल क्राइम ब्रांच जांचकर एनआरआई नर्सिंग कॉलेज के संचालकों, फर्जी फैकल्टियों व दोषी अधिकारियों पर तत्काल भ्रष्टाचार और धोखाधड़ी की धाराओं में मामला दर्ज किया जाए ।

NSUI ने प्राइवेट नर्सिंग कॉलेजों को दी गई मान्यताओं में फर्जीवाड़े के आरोप लगाते हुए पुलिस कार्रवाई की मांग की है, छात्र संगठन ने राजधानी भोपाल के NRI नर्सिंग कॉलेज की पड़ताल के बाद वहां प्रिंसिपल और एक अन्य फेकल्टी पर उंगली उठाते हुए उन्हें फर्जी बताया, एनएसयूआई ने क्राइम ब्रांच थाने पहुंचकर एक आवेदन दिया है और कॉलेज संचालकों प्रिंसिपल फेकल्टी सहित कॉलेज को मान्यता देने वाले नर्सिंग काउंसिल के अधिकारियों पर एफआईआर की मांग की है

नर्सिंग शिक्षा पर एक बार फिर फर्जीवाड़े के आरोप लगे हैं, हाल ही में इस शिक्षण सत्र के लिए दी गई मान्यताओं को लेकर सवाल खड़े होने लगे हैं, भारतीय राष्ट्रीय छात्र संगठन ने भोपाल के एक निजी कॉलेज के फर्जीवाड़े और नर्सिंग  कॉलेज और प्राइवेट कॉलेजों के गठजोड़ का भंडाफोड़ किया है।

NSUI ने क्राइम ब्रांच में की शिकायत 

एनएसयूआई प्रदेश उपाध्यक्ष रवि परमार ने राजधानी भोपाल में नर्सिंग कॉलेज घोटाले का एक बड़ा उदाहरण सामने लाकर शासन-प्रशासन की लापरवाही को बेनकाब किया है। एनएसयूआई ने आज क्राइम ब्रांच भोपाल थाने में इसके विरोध में शिकायती आवेदन देकर एफआईआर की मांग की है।

नर्सिंग काउंसिल के अफसरों पर गंभीर आरोप  

छात्र नेताओं के साथ थाने में मौजूद कांग्रेस प्रवक्ता विवेक त्रिपाठी ने कहा कि “यह मामला इस बात का प्रमाण है कि मध्य प्रदेश में नर्सिंग कॉलेजों में फर्जी फैकल्टियों का खेल अब भी जारी है। शिकायतों के बावजूद मध्य प्रदेश नर्सेस रजिस्ट्रेशन काउंसिल की मान्यता शाखा की प्रभारी माधुरी शर्मा, डिप्टी रजिस्ट्रार धीरज गोविन्दानी और रजिस्ट्रार मुकेश सिंह द्वारा कॉलेज संचालकों से मिलीभगत कर फर्जी मान्यताएं दी जा रही हैं।”

प्रिंसिपल विदेश में, फेकल्टी अस्पताल में स्टाफ नर्स 

प्रदेश उपाध्यक्ष रवि परमार ने बताया कि एनएसयूआई टीम ने जांच के दौरान पाया कि एनआरआई नर्सिंग कॉलेज, भोपाल ने 2025-26 सत्र की मान्यता के लिए ऐसी फर्जी फैकल्टीयों को दिखाया है जिसमें प्राचार्य एनसी थामस कई वर्षों से विदेश में हैं वहीं ट्यूटर ( टीचर ) पिछले 4 वर्षों से एएसजी आई हॉस्पिटल एमपी नगर में स्टाफ नर्स के रूप में कार्यरत हैं यह घोस्ट फैकल्टी रश्मि ठाकुर के नाम से दर्ज है, जिनका नाम कॉलेज की फैकल्टी लिस्ट में शामिल कर नर्सिंग काउंसिल से मान्यता प्राप्त कर ली गई।

मध्य प्रदेश में घोस्ट फैकल्टी का खेल

रवि परमार ने कहा कि “2025-26 सत्र की मान्यता के लिए प्रदेश के करीब 50 प्रतिशत नर्सिंग कॉलेजों में घोस्ट फैकल्टियां दिखाई गई हैं। यह केवल एक कॉलेज का नहीं, बल्कि पूरे सिस्टम का घोटाला है। अगर सरकार ने इस पर कठोर कार्रवाई नहीं की तो एनएसयूआई राज्यव्यापी आंदोलन करेगी।”

एक ही व्यक्ति का रजिस्ट्रेशन दो संस्थानों में

एनएसयूआई जिला अध्यक्ष अक्षय तोमर ने कहा कि “यह पूरा मामला चिकित्सा शिक्षा विभाग और अस्पताल प्रशासन की लापरवाही को उजागर करता है। जब एक ही व्यक्ति का रजिस्ट्रेशन दो संस्थानों में अलग-अलग जगह उपयोग हो रहा है, तो यह स्पष्ट प्रमाण है कि प्रदेश में फर्जी फैकल्टियों का नेटवर्क सक्रिय है। अब सवाल यह है कि आखिर कब तक मध्यप्रदेश में घोस्ट फैकल्टी का खेल चलता रहेगा?”

पुलिस ने दिया जल्दी कार्रवाई का भरोसा 

एनएसयूआई ने एमपी नगर क्राइम ब्रांच पहुंचकर सहायक पुलिस आयुक्त सुजीत तिवारी को शिकायत सौंप कर संबंधित कॉलेज संचालकों, दोषी अधिकारियों और फर्जी फैकल्टी पर एफआईआर दर्ज करने की मांग की है पुलिस ने आश्वासन दिया कि जल्दी जांच कर कार्रवाई करेंगे ।‌


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