भोपाल। फराज शेख| राजधानी की क्राइम ब्रांच लगातार बदनाम हो रही है। इसमें कार्यरत पुलिस अधिकारियों, कर्मचारियों को जुआ और सट्टा कारोबार को खुला संरक्षण देने के आरोप लग रहे हैं। यही कारण है कि इसमे पदस्थ अधिकारियों को क्राइम ब्रांच का मोह नहीं छूट रहा है। एक अधिकारी का यहां से दो बार ट्रांसफर हो चुका है। बावजूद इसके दोनों बार उनकी रवानगी नहीं हो सकी। वहीं एक आला अधिकारी को राजधानी पुलिस में पदस्थ तमाम आला अधिकारी चाहकर भी नहीं हिला सके हैं। बताया जाता है कि इस अधिकारी को एक मंत्री का संरक्षण है।
जानकारी के अनुसार कुछ समय पूर्व क्राइम ब्रांच को तब भारी फजीहत झेलना पड़ी थी जब एक चोर को दो किलो सोना लेकर छोड़ दिया गया था। सूत्रों का दावा है कि पांच लड़कियों को एक मामले में क्राइम ब्रांच ने दबोचा था। जिनके साथ में रात के समय में नशे में धुत होकर पुलिस एक आधिकारी और कर्मचारी दारू पार्टी किया करते थे। इतना ही नहीं गोविंदपुरा सिक्युरिटी लाइन में पिंकी और लाखन का जुआ एक बार फिर शबाब पर चल रहा है। इस जुए को क्राइम ब्रांच के एक आला अधिकारी का खुला संरक्षण होने की चर्चा जोरों पर है। क्राइम ब्रांच के ही सूत्रों की अगर माने तो एक अधिकारी की पांच लोगोंं की टीम शहर के जुआ खानो में सीधा सपंर्क कर रही है। जुआ चलाने के एवज में बकायदा डील की जाती है। जिसमें क्षेत्रीय थाना प्रभारियों से सेटिंग कराने का जिम्मा भी यह टीम लेती है। बेलगाम क्राइम ब्रांच की इस उगाई की सूचना आला अधिकारियों तक भी है। हालांकि राजनेतिक संरक्षण के चलते अधिकारी भी इन पर नकेल कसने में पूरी तरह से नाकाम है। सूत्रों की माने तो पिछले दिनों एक मीटिंग के दौरान तत्कालीन आईजी योगेश देशमुख ने लगातार मिल रही वसूली की शिकायतों को लेकर क्राइम ब्रांच के एक अधिकारी को जमकर फटकार दिया था। बाद में दोनों में तीखी नोक-झोंक हुई पर आईजी इस अधिकारी को हिला नहीं सके।
– क्राइम ब्रांच के ग्रुप पर एएसआई ने लिखा चाटूकार
पुलिस सूत्रों की माने तो क्राइम ब्रांच में दो टीमें वसूली का काम करती हैं। यह दोनों टीमें दो अधिकारियों के गुट से ताल्लुक रखती हैं। पिछले दिनों एक एएसआई ने क्राइम ब्रांच के आफिशियल ग्रुप पर अधिकारियों पर पताडऩा के आरोप लगा दिए थे। सूत्रों को दावा है कि एएसआई ने अधिकारियों के खिलाफ तल्क टिप्पणी लिखते हुए चाटूकारों को पसंद करने की बात लिखी थी। जो वसूली न करे उसके प्रताडि़त किए जाने की बात भी पुलिसकर्मी ने ग्रुप पर लिख दी थी। जिसके बाद में आनन-फानन में दबाव बनाकर इस पोस्ट को डिलीट करा दिया गया था।