भोपाल। मध्य प्रदेश में कांग्रेस और बीजेपी के बीच अब लेटर वार शुरू हो गया है। नेता प्रतिपक्ष गोपाल भार्गव और मुख्यमंत्री कमलनाथ के बीच लेटर वार के बाद अब पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने भी सीएम कमलनाथ के पत्र का जवाब दिया है| उन्होंने सीएम द्वारा किए गए किसान कर्ज माफी के वादों को भ्रमक करार दिया है। शिवराज ने लिखा है कि आपने प्रदेश के सभी किसानों का कर्ज माफी करने की बात कही थी। लेकिन ऐसा किया नहीं गया। आज भी लाखों किसान परेशान हैं। किसानों से किये गए वादोंं को लेकर सीएम ने कांग्रेस का वचन पत्र भी अपने पत्र का साथ भेजा है।
उन्होंने पत्र में लिखा है कि, सरकार के पहले आदेश में सम्पूर्ण कर्जमाफी की जगह अल्पकालीन फसल ऋण माफ़ी लिखकर लाखो किसानों से धोखा किया है। उन्हें कर्ज माफ़ी के लाभ से वंचित किया गया है। सरकार ने 10 दिन में 55 लाख किसानों का कर्जा माफ करने का वचन दिया था और 4 माह बाद मात्र 21 लाख किसानों के कर्ज माफी के झूठे दावे पेश कर रही है। उन्होंने हमला बोलते हुए लिखा है कि सरकार मुझे संतुष्ट करने के स्थान पर अन्नदाता भाइयों बहनो को संतुष्ट करे। उन्होंने मांग करते हुए कहा है कि कांग्रेस सरकार प्रमाण पत्र दिखाने की जगह 21 लाख किसानों के कर्ज माफ़ी की बैंक ट्रांसेक्शन डिटेल्स शेयर करे। मुख्यमंत्री से कहा कि आप नवनिर्मित वातानुकूलित बल्लभ भवन से बाहर निकलकर किसानों के बीच जाइए और वास्तविक स्थिति से अवगत हो जाएंगे। आपके अधीनस्थ आपको भ्रमित कर रहे है आपको धोखा दे रहे हैं। शिवराज ने लिखा मुख्यमंत्री जी आप धोखे का शिकार हो रहे हैं| नाथ के पत्र में सच्चाई स्वीकारने पर पलटवार करते हुए शिवराज ने भी कहा चुनाव समाप्त हो चुके हैं, आप इस सच्चाई को स्वीकार करें कि आपकी सरकार कर्जमाफी के नाम पर बुरी तरह असफल हुई है|
कमलनाथ ने भी लिखा था शिवराज को पत्र
गौरतलब है कि इससे पहले मुख्यमंत्री कमलनाथ ने पूर्व सीएम शिवराज को एक पत्र लिखकर किसानों की कर्ज माफी को स्वाकीरने की बात कही थी। उसके बाद हमने कर्ज माफी की प्रक्रिया प्रारंभ की| 22 फरवरी 2019 से हमने कर्ज माफी के प्रमाण पत्र किसानों को बांटना प्रारंभ किये, जिसके तहत 10 मार्च को आचार संहिता लगने के पूर्व तक हमने 21 लाख किसानों के कर्ज माफ किए| आचार संहिता के दौरान हमने जिन क्षेत्रों में चुनाव संपन्न हो चुके हैं वहां के 4.83 लाख किसानों के खाते में कर्ज माफी की राशि डालने की चुनाव आयोग से अनुमति मांगी, अनुमति मिलते ही हमने उन किसानों की कर्ज माफी की प्रक्रिया भी प्रारंभ कर दी| कांग्रेस के एक प्रतिनिधिमंडल ने आपके निवास आकर कर्जमाफी वाले 21 लाख किसानों की प्रमाणित सूची भी आपको सौंपी, नो ड्यूज सर्टिफिकेट भी आपके घर भेजे लेकिन प्रमाण मिलने के बावजूद आप चुनाव को देखते हुए किसानों को गुमराह भ्रमित करने के लिए सच्चाई को अस्वीकार करते रहे, अब चुनाव खत्म हो चुके हैं उम्मीद करते हैं कि आप कर्ज माफी की सच्चाई को स्वीकार करेंगे|