मध्यप्रदेश की समृद्ध जनजातीय संस्कृति को संरक्षित करने के लिए चार जिलों में विशेष जनजातीय सांस्कृतिक केंद्र बनाए जाएंगे। सीएम डॉ. मोहन यादव ने अनुसूचित जाति कल्याण एवं जनजातीय कार्य विभाग की समीक्षा के दौरान ये ऐलान किया। इसके तहत मंडला में बैगा, छिंदवाड़ा में भारिया, श्योपुर में सहरिया और धार में भील जनजाति के लिए अलग-अलग सांस्कृतिक केंद्र स्थापित किए जाएंगे।
मुख्यमंत्री ने कहा कि जनजातीय क्षेत्रों में स्थानीय नायकों और स्वतंत्रता सेनानियों के बलिदान को याद करने के लिए हर जिले और विकासखंड में भव्य आयोजन किए जाएंगे तथा जनजातीय देव स्थलों का जीर्णोद्धार और उन्नयन भी होगा। इसी के साथ मुख्यमंत्री ने निर्देश दिया कि छात्रावास भवनों को आधुनिक तकनीक से डेवलप किया जाए और निर्माणाधीन भवनों को शीघ्र पूरा किया जाए।
मुख्यमंत्री ने लिए बड़े फैसले
अनुसूचित जाति कल्याण एवं जनजातीय कार्य विभाग की समीक्षा बैठक में कई बड़े फैसले लिए गए। मुख्यमंत्री मोहन यादव ने दौरान चार जिलों में विशेष जनजातीय सांस्कृतिक केंद्र स्थापित करने की घोषणा की है। साथ ही विदेश अध्ययन के लिए मेरिट-आधारित नए मानदंड लागू करने का निर्णय लिया गया है, जिससे पात्र विद्यार्थियों को पारदर्शी और प्रतिस्पर्धी अवसर मिल सकें। अनुसूचित जाति एवं जनजाति के छात्रावासों को पूरी तरह आधुनिक बनाने के निर्देश देते हुए सीएम ने कहा कि सभी छात्रावासों में स्मार्ट क्लास, वाई-फाई, डिजिटल लाइब्रेरी और नवीन तकनीक का उपयोग किया जाए। निर्माणाधीन छात्रावास भवनों का काम शीघ्र पूरा किया जाए। विदेश अध्ययन छात्रवृत्ति योजना को अब पूरी तरह मेरिट आधारित कर दिया गया है, जिसके तहत इस बार 31 नए छात्रों का चयन हुआ है।
अनुसूचित जाति कल्याण विभाग की उपलब्धियां
अनुसूचित जाति कल्याण विभाग ने पिछले दो साल की उपलब्धियां साझा करते हुए बताया कि 271 छात्रों ने सिविल सेवा परीक्षाओं में सफलता हासिल की, IIT-IIM सहित राष्ट्रीय संस्थानों में 1800 से अधिक छात्रों को छात्रवृत्ति दी गई और अंतरजातीय विवाह प्रोत्साहन योजना को पूरी तरह ऑनलाइन कर दिया गया। जनजातीय विभाग ने एकलव्य स्कूलों में 1846 शिक्षकों की नियुक्ति की, 1.43 लाख छात्रों को 240 करोड़ की आवास सहायता दी, 23.59 लाख छात्रों को 766 करोड़ की छात्रवृत्ति वितरित की और पीएम जनमन योजना में 1.28 लाख पक्के मकान पूरे किए। वहीं, मध्यप्रदेश को जनजातीय कल्याण में भारत सरकार से “सर्वश्रेष्ठ राज्य” और बैतूल व शिवपुरी जिलों को सर्वश्रेष्ठ जिला पुरस्कार भी मिला है।





