उमंग सिंघार ने CAG रिपोर्ट के आधार पर प्रदेश की बीजेपी सरकार पर निशाना साधा है। उन्होंने इसे मध्यप्रदेश सरकार की ‘घोर नाकामी की चार्जशीट’ बताया है। कांग्रेस नेता ने आरोप लगाया कि सरकार ने करोड़ों रुपये के निवेश, हजारों नौकरियों और तकनीकी विकास के वादे किए लेकिन नतीजा बेहद निराशाजनक रहा और रिपोर्ट में कई गंभीर खामियां सामने आई हैं।
नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि विधानसभा में गुरुवार को पेश मध्यप्रदेश कैग 2023 रिपोर्ट में साफ तौर पर कहा गया है कि इंदौर, भोपाल, ग्वालियर और जबलपुर में बनाए जा रहे आईटी पार्कों के नाम पर सैकड़ों करोड़ रुपये खर्च हुए, लेकिन परिणाम बेहद निराशाजनक रहे। सरकार ने इन पार्कों से 15,000 नौकरियों का दावा किया था जबकि वास्तविकता ये है कि सिर्फ 576 युवाओं को ही रोजगार मिल सका है।
CAG रिपोर्ट के आधार पर सरकार को घेरा
उमंग सिंघार ने कहा कि कैग रिपोर्ट के आधार पर मध्यप्रदेश सरकार को घेरते हुए कहा है कि 167 करोड़ रुपये की स्वीकृत लागत वाले प्रोजेक्ट्स की लागत बिना किसी ठोस आधार के बढ़ाकर 216 करोड़ रुपये कर दी गई। इसमें 49 करोड़ रुपये की अनावश्यक वृद्धि हुई। कई आईटी पार्कों में सोलर पावर सिस्टम लगाने का काम या तो सालों की देरी से पूरा हुआ या अभी तक लंबित है। आईटी उद्योग के लिए आवंटित बहुमूल्य जमीनों का बड़ा हिस्सा कॉलेज, गोदाम और अन्य गैर-आईटी गतिविधियों में इस्तेमाल हो रहा है। भोपाल के बदवई और इंदौर के क्रिस्टल आईटी पार्क क्षेत्र में सरकारी जमीन पर बड़े पैमाने पर अतिक्रमण पाया गया है। कई कंपनियों से तय भूमि प्रीमियम और लीज रेंट तक वसूल नहीं किया गया, जिससे राज्य सरकार को करोड़ों रुपये का राजस्व नुकसान हुआ।
उमंग सिंघार ने पूछा ‘सरकार किसे बचा रही है’
उमंग सिंघार ने CAG रिपोर्ट को “भाजपा सरकार की घोर नाकामी और सत्ता प्रायोजित लूट की चार्जशीट” करार दिया है। उन्होंने कहा कि यह कोई साधारण लापरवाही नहीं है और सरकार के तमाम दावों पर प्रश्नचिन्ह खड़े करती है। नेता प्रतिपक्ष ने सवाल किया है कि जब CAG साफ-साफ घोटाले की बात कह रहा है तो कार्रवाई कौन रोक रहा है। उन्होंने पूछा कि सरकार आखिर किसे बचा रही है। कांग्रेस ने सरकार से इस मामले में जवाबदेही तय करने की मांग की है।





