MP Breaking News
Fri, Dec 19, 2025

नीतीश कैबिनेट की बड़ी सौगात, रसोइयों का मानदेय ₹3300 और पीटी टीचर्स का वेतन ₹16,000 हुआ

Written by:Deepak Kumar
Published:
नीतीश कैबिनेट की बड़ी सौगात, रसोइयों का मानदेय ₹3300 और पीटी टीचर्स का वेतन ₹16,000 हुआ

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अध्यक्षता में मंगलवार (05 अगस्त, 2025) को हुई बिहार कैबिनेट बैठक में कुल 36 एजेंडों पर मुहर लगी। बैठक में विद्यालय रसोइयों, शारीरिक शिक्षा एवं स्वास्थ्य अनुदेशकों और रात्रि प्रहरियों के मानदेय में दोगुनी वृद्धि का फैसला लिया गया। अब विद्यालय रसोइयों को ₹1650 की जगह ₹3300, शारीरिक शिक्षकों को ₹8000 की जगह ₹16,000 और रात्रि प्रहरियों को ₹5000 की जगह ₹10,000 प्रति माह मानदेय मिलेगा। यह वृद्धि 1 अगस्त 2025 से लागू होगी।

शारीरिक शिक्षकों और रसोइयों को बड़ी सौगात

कैबिनेट की बैठक में लिए गए फैसले के अनुसार, शारीरिक शिक्षकों को हर साल मानदेय में ₹200 की जगह ₹400 की बढ़ोतरी मिलेगी। यह फैसला लंबे समय से आंदोलन कर रहे इन शिक्षकों के लिए राहत लेकर आया है। रसोइयों के मानदेय को भी दोगुना कर दिया गया है, जिसका लाभ राज्यभर के विद्यालयों में मिड-डे मील कार्यक्रम से जुड़े रसोइयों को मिलेगा। रात्रि प्रहरियों का मानदेय भी ₹10,000 कर दिया गया है।

सीएम नीतीश कुमार ने पहले ही दी थी जानकारी

मुख्यमंत्री ने 1 अगस्त को अपने सोशल मीडिया पोस्ट में इस वृद्धि की घोषणा की थी। उन्होंने लिखा था, “शिक्षा व्यवस्था को सुदृढ़ बनाने में रसोइयों, रात्रि प्रहरियों तथा शारीरिक शिक्षा एवं स्वास्थ्य अनुदेशकों ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। इसे ध्यान में रखते हुए हमने इन कर्मियों के मानदेय में सम्मानजनक वृद्धि करते हुए इसे दोगुना करने का निर्णय लिया है।” कैबिनेट बैठक में इस घोषणा को औपचारिक मंजूरी दे दी गई।

अन्य अहम फैसले भी हुए पास

बैठक में मद्य निषेध एवं उत्पाद विभाग के अंतर्गत मामलों के त्वरित निष्पादन के लिए सहरसा न्याय मंडल और नालंदा न्याय मंडल के हिलसा में एक-एक अतिरिक्त जिला एवं अपर सत्र न्यायाधीश के न्यायालय के लिए 18 विभिन्न पदों के सृजन को मंजूरी दी गई। इसके अलावा, कृषि विभाग में 712 पदों के सृजन को भी स्वीकृति मिली। साथ ही बिहार परिवहन क्षेत्रीय आशुलिपिक संवर्ग (भर्ती एवं प्रोन्नति) नियमावली 2025 और बिहार शहरी आयोजना स्कीम नियमावली 2026 को मंजूरी मिली। मुख्यमंत्री डिजिटल लाइब्रेरी योजना के लिए ₹94 करोड़ से अधिक और औरंगाबाद जिले के कुटुंबा अंचल में उद्योग के लिए भूमि अधिग्रहण पर ₹284 करोड़ से अधिक खर्च की स्वीकृति दी गई।