MP Breaking News
Sat, Dec 20, 2025

ACS S Siddharth:  बिहार के स्कूलों में ‘बड़ा बदलाव’! ACS एस सिद्धार्थ का DEO को ‘अंतिम चेतावनी’, 15 अगस्त से पहले पूरा करें ‘ये काम’

Written by:Deepak Kumar
Published:
Last Updated:
शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव डॉ. एस. सिद्धार्थ ने बिहार के सभी सरकारी स्कूलों को 15 अगस्त से पहले बुनियादी सुविधाएं सुनिश्चित करने का निर्देश दिया है। इसमें स्वच्छता, बिजली, पानी, शौचालय और कबाड़ हटाने जैसे कार्यों पर विशेष जोर दिया गया है।
ACS S Siddharth:  बिहार के स्कूलों में ‘बड़ा बदलाव’! ACS एस सिद्धार्थ का DEO को ‘अंतिम चेतावनी’, 15 अगस्त से पहले पूरा करें ‘ये काम’

बिहार शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव डॉ. एस. सिद्धार्थ ने सभी क्षेत्रीय शिक्षा उप निदेशकों (RDDE) और जिला शिक्षा पदाधिकारियों (DEO) को निर्देश दिया है कि आगामी स्वतंत्रता दिवस से पहले राज्य के सभी सरकारी स्कूलों में बच्चों और शिक्षकों के लिए सभी बुनियादी सुविधाएं उपलब्ध कराई जाएं। उन्होंने कहा कि विद्यालय परिसर में स्वच्छता और आवश्यक संसाधनों का इंतजाम होना चाहिए, ताकि स्वतंत्रता दिवस समारोह गरिमामय तरीके से संपन्न हो सके।

50-50 हजार रुपये का प्रावधान

डॉ. सिद्धार्थ ने अपने पत्र में स्पष्ट किया कि प्रत्येक सरकारी स्कूल को बुनियादी सुविधाओं के लिए पहले ही 50-50 हजार रुपये की राशि जिला शिक्षा पदाधिकारियों के माध्यम से उपलब्ध कराई गई है। इसके बावजूद कई विद्यालयों में निरीक्षण के दौरान बिजली, पानी और स्वच्छता जैसी समस्याएं पाई गई हैं। उन्होंने निर्देश दिया कि इन कमियों को तुरंत दूर कर तस्वीरें ई-शिक्षाकोष पोर्टल पर अपलोड की जाएं।

बिजली और पानी की सुविधा

अपर मुख्य सचिव ने कहा कि सभी स्कूलों में विद्युतिकरण पूरी तरह कार्यशील हो, कक्षाओं में पर्याप्त बल्ब, ट्यूब लाइट और पंखे चालू स्थिति में रहें। निरीक्षण में पाया गया कि कई विद्यालयों में पेयजल के लिए बने वाटरपोस्ट खराब पड़े हैं और शौचालयों में रनिंग वाटर नहीं है। उन्होंने आदेश दिया कि बच्चों (लड़के और लड़कियों) के लिए तीन-तीन शौचालय तथा महिला शिक्षिकाओं के लिए अलग शौचालय सुनिश्चित किए जाएं।

कबाड़ हटाने का निर्देश

डॉ. सिद्धार्थ ने यह भी कहा कि स्कूलों के गलियारों और कमरों में बेतरतीब रखे टूटे फर्नीचर और कबाड़ को हटाया जाए। अच्छे कमरों को कबाड़घर न बनाकर बच्चों की कक्षाएं वहीं संचालित की जाएं। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि कमरों की कमी होने पर अलग से पुस्तकालय या आईसीटी लैब स्थापित नहीं की जाए। सभी स्कूलों को निर्देश दिया गया है कि इन कार्यों को समयबद्ध तरीके से पूरा कर लिया जाए।