बिहार विधानसभा चुनाव 2025 को लेकर सियासी सरगर्मी तेज है। सभी की नजर इस समय सीट शेयरिंग पर टिकी हुई है, क्योंकि यही चुनावी समीकरण और गठबंधन की दिशा तय करता है। इस बीच विकासशील इंसान पार्टी (VIP) सुप्रीमो मुकेश सहनी ने बड़ा बयान दिया है। उन्होंने साफ कहा कि वे सीटों को लेकर हठ नहीं करेंगे और जरूरत पड़ी तो त्याग करने को भी तैयार हैं। सहनी ने टिकट वितरण की प्रक्रिया पर भी खुलकर बात की और यह संकेत दिया कि वे केवल अपनी जाति या परिवार तक सीमित राजनीति नहीं करना चाहते।
टिकट बंटवारे पर मुकेश सहनी का बड़ा बयान
एक निजी चैनल से बातचीत में जब मुकेश सहनी से टिकट बांटने के आधार पर सवाल पूछा गया, तो उन्होंने कहा कि वे सिर्फ अपने समाज के लोगों को टिकट नहीं देंगे। सहनी का कहना था कि समाज के लोग अभी बड़े स्तर पर चुनाव लड़ने के लिए पूरी तरह तैयार नहीं हैं। इसलिए पहले उन्हें छोटे स्तर पर चुनाव लड़वाया जाएगा और धीरे-धीरे आगे बढ़ाया जाएगा। सहनी ने यह भी कहा कि अगर वे सिर्फ अपनी ही जाति पर फोकस करेंगे तो उन पर जातिवाद का आरोप लगेगा।
अति पिछड़ा वर्ग को देंगे 37% टिकट
मुकेश सहनी निषाद समाज से आते हैं, जो बिहार की राजनीति में गरीब और दलित वर्गों में गिना जाता है। उन्होंने टिकट वितरण को लेकर कहा, “हमारे जनसंख्या के आधार पर हमारे समाज के लोगों को टिकट दिया जाएगा। अति पिछड़ा वर्ग को हम 37% टिकट देंगे।” सहनी का कहना है कि उनकी राजनीति का मकसद सिर्फ अपनी जाति को बढ़ावा देना नहीं बल्कि पूरे अति पिछड़ा वर्ग को मजबूत करना है। यही वजह है कि वे टिकट बंटवारे में संतुलन बनाने पर जोर दे रहे हैं।
बड़ी जाति के लोग काम नहीं करना चाहते—सहनी
मुकेश सहनी ने आरोप लगाया कि उनकी पार्टी में बड़ी जाति के लोग काम करने में रुचि नहीं दिखाते। उन्होंने कहा, “अगर वे लड़ते हैं तो वोटों का नुकसान होता है। हमें जीत सुनिश्चित करनी है, इसलिए जहां-जहां स्थानीय समीकरण पहले से मजबूत हैं, उसी आधार पर टिकट का फैसला किया जाएगा।” सहनी ने टिकट बेचने से इनकार किया और कहा कि सीटों का बंटवारा मजबूरी में करना पड़ता है। जब तक पार्टी पूरी तरह मजबूत नहीं हो जाती, तब तक समीकरण को देखते हुए ही फैसले लेने होंगे।
परिवार की राजनीति पर दिया संकेत
बातचीत के दौरान मुकेश सहनी से यह भी पूछा गया कि क्या वे अपने परिवार को चुनाव में टिकट देंगे। इस पर उन्होंने सीधा जवाब देने से बचते हुए कहा कि पूरे बिहार का निषाद समाज ही उनका परिवार है। हालांकि उन्होंने यह जरूर इशारा किया कि भविष्य में उनके परिवार के लोग भी चुनावी मैदान में उतर सकते हैं। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि वे खुद किस सीट से चुनाव लड़ेंगे, इसका ऐलान समय आने पर करेंगे। उनके इस बयान से बिहार की राजनीति में अटकलों का दौर और तेज हो गया है।





