पटना में गुरुवार को हुई बिहार प्रदेश कांग्रेस की नवगठित चुनाव समिति की बैठक में बड़ा फैसला लिया गया। बैठक में सर्वसम्मति से यह प्रस्ताव पारित किया गया कि प्रत्याशियों के चयन की जिम्मेदारी पार्टी आलाकमान को सौंपी जाएगी। प्रदेश अध्यक्ष राजेश राम के आह्वान पर सभी सदस्यों ने हाथ उठाकर इसका समर्थन किया। इस निर्णय से यह स्पष्ट हो गया है कि टिकट बंटवारे पर आखिरी मुहर दिल्ली से ही लगेगी।
पहली बार बिहार में होगी सीडब्ल्यूसी बैठक
बैठक में 24 सितंबर को पटना में होने वाली अखिल भारतीय कांग्रेस कार्यसमिति (सीडब्ल्यूसी) की विस्तारित बैठक को लेकर भी चर्चा हुई। आजादी के बाद पहली बार बिहार में सीडब्ल्यूसी की बैठक होने जा रही है, जिससे पार्टी नेताओं में खासा उत्साह है। इस अवसर को ऐतिहासिक बनाने के लिए तैयारियों पर जोर दिया गया। कांग्रेस इसे संगठन को मजबूत करने और राज्य में नई ऊर्जा भरने के बड़े मौके के रूप में देख रही है।
प्रियंका गांधी की पहली जनसभा की तैयारी
इसके साथ ही 26 सितंबर को प्रियंका गांधी वाड्रा की पहली बिहार जनसभा को लेकर विशेष चर्चा की गई। इसे सफल बनाने के लिए एक विशेष समिति गठित करने का निर्णय लिया गया। हाल ही में प्रियंका गांधी राहुल गांधी की ‘वोट अधिकार यात्रा’ में शामिल हुई थीं और दो दिन तक दरभंगा में सक्रिय रहीं। अब उनकी आगामी जनसभा को कांग्रेस कार्यकर्ता राज्य में पार्टी को मजबूत करने की दिशा में अहम पड़ाव मान रहे हैं।
बड़े नेता और नए चेहरे शामिल
बैठक में कई बड़े नेता मौजूद रहे, जिनमें बिहार प्रभारी कृष्णा अल्लावारू, प्रदेश अध्यक्ष राजेश राम, विधायक दल के नेता डॉ. शकील अहमद खान, विधान परिषद दल के नेता डॉ. मदन मोहन झा, सांसद डॉ. अखिलेश प्रसाद सिंह, सांसद पप्पू यादव और सांसद मनोज राम शामिल रहे। इस मौके पर कई नए नेताओं ने कांग्रेस की सदस्यता भी ग्रहण की। इनमें आम आदमी पार्टी के बिहार प्रदेश संगठन मंत्री पंकज सिंह, आप के पूर्व जिला सचिव बी.डी. झा और व्यापारी बंशीधर झा प्रमुख नाम हैं।





