बिहार की सियासत में हलचल शुरू हो गई है और अब बात सिर्फ अफवाहों की नहीं रही। मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार अगले सप्ताह पटना दौरे पर आ सकते हैं, जिससे विधानसभा चुनाव की तैयारियों पर बड़ी झलक मिलने वाली है। चुनावी माहौल गरम है और सभी पार्टियों की नजरें इस दौरे पर टिकी हैं। जनता भी उत्सुक है कि कब चुनावी तारीखें घोषित होंगी और त्योहारों के बीच बिहार में सियासी रंग किस तरह दिखेगा।
दरअसल, मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार बिहार दौरे पर अगले सप्ताह पटना में सभी जिलाधिकारियों के साथ बैठक करेंगे। इस बैठक में वे चुनाव की तैयारियों की जानकारी लेंगे और मतदान प्रक्रिया की स्थिति का जायजा लेंगे। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, सीईसी का दौरा सितंबर के अंतिम सप्ताह या अक्टूबर के शुरुआती सप्ताह में हो सकता है। उनके दौरे के बाद ही विधानसभा चुनाव की तारीखों का ऐलान होने की संभावना है। सभी अधिकारी चुनावी तैयारियों को अंतिम रूप देने के लिए बैठक में पूरी तरह सक्रिय रहेंगे।
त्योहारी मौसम और चुनावी शेड्यूल
सूत्रों के मुताबिक, चुनावी कार्यक्रम तय करते समय त्योहारों का ध्यान रखा जाएगा। बिहार में दिवाली और छठ पूजा जैसे बड़े पर्व आने वाले हैं। छठ पूजा इस साल 25 से 28 अक्टूबर तक मनाई जाएगी। चुनाव की तारीखों को इसी तरह से तय किया जाएगा कि त्योहारों और मतदान में कोई टकराव न हो। तीन चरणों में मतदान 5 से 15 नवंबर के बीच हो सकता है, ताकि 22 नवंबर तक नई विधानसभा का गठन संभव हो सके। त्योहारी मौसम और मतदान को संतुलित करना प्रशासन की प्राथमिकता है।
SIR लिस्ट और सुप्रीम कोर्ट मामले पर निगाह
चुनाव का शेड्यूल तय होने से पहले बिहार SIR (सर्विस एलिजिबल रजिस्ट्री) की फाइनल लिस्ट भी प्रकाशित होगी। इस मुद्दे पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई चल रही है। राजद और AIMIM समेत कई अन्य याचिकाओं पर कोर्ट का फैसला आने वाला है। सीईसी के दौरे से पहले यह फैसला महत्वपूर्ण हो सकता है क्योंकि इससे मतदाता सूची और चुनावी प्रक्रिया पर असर पड़ेगा। सभी राजनीतिक दल और जनता की निगाहें कोर्ट के फैसले और सीईसी के दौरे पर टिकी हैं।
भविष्य की तैयारी और राजनीतिक माहौल
सीईसी ज्ञानेश कुमार के दौरे से बिहार में चुनावी तैयारी तेज हो जाएगी। अधिकारियों और नेताओं को चुनाव की रूपरेखा तैयार करनी होगी। सभी दल भी अपने उम्मीदवारों और चुनावी रणनीति पर फोकस करेंगे। त्योहारों और चुनावी कार्यक्रम के बीच राजनीतिक माहौल गर्म है। जनता की उम्मीद है कि चुनाव समय पर होंगे और प्रशासन पूरी पारदर्शिता के साथ चुनाव कराएगा। यह दौरा बिहार चुनाव 2025 की दिशा और चुनावी रणनीति को अंतिम रूप देने में अहम साबित होगा।





